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पहाड़ों में बंदरों का आंतक, उत्तराखंड में 5 नए नसबंदी केंद्र खोले जाएंगे

Monkey in Uttaakhand: उत्तराखंड के कई शहरों में बंदरों के आतंक के बारे में आपने सुना होगा। बंदरों ने कई लोगों को घायल भी किया है। पर्वतीय जिलों में बंदर फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं । ऐसे में अब इन्हें कंट्रोल करना एक चुनौती बन गया है। उत्तराखंड में बंदरों के आतंक को रोकने के लिए उन्हें नियंत्रित किया जाएगा और अब इसके लिए 5 और नसबंदी केंद्र खोले जाएंगे। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए है।

वर्तमान में बंदरों की नसबंदी के लिए तीन सेंटर स्थापित है। बंदर खेती को अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। बैठक में बंदरों और जंगली सूअर हो द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने को लेकर चिंता जाहिर की गई। बंदरों की संख्या को सीमित करने के लिए नसबंदी अभियान में तेजी लाए जाने की जरूरत जताई गई।

 वर्ष 2020-21 में सबसे अधिक 19 हजार 961 बंदर पकड़े गए। इनमें से 18 हजार 501 बंदरों की नसबंदी की गई, जबकि इस साल सितंबर तक सात हजार 771 बंदरों को पकड़ा जा चुका है, जबकि दो हजार 647 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इससे पूर्व बंदरों और लंगूरों की गणना 2015 में की गई थी। तब राज्य में 1,46,432 बंदर और 54,804 लंगूरों की रिपोर्ट की गई थी।

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