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तबाही ही तबाही: कुमाऊं में आपदा ने अबतक छीनी 52 जिंदगियां, अब भी फंसे हैं हजारों लोग

तबाही ही तबाही: कुमाऊं में आपदा ने छीनी 52 जिंदगियां, अब भी फंसे हैं हजारों लोग

नैनीताल: तबाही और उत्तराखंड में होने वाली बारिश का नाता काफी पुराना है। एक बार फिर प्रकृति ने रौद्र रूप दिखाया तो आपदा से तबाही ही तबाही मच गई। कुमाऊं में बारिश आपदा लेकर आई। इस आपदा में खासकर पहाड़ी इलाकों में बहुत कुछ उजड़ गया है। लोगों के घर बह गए हैं, कई पुल टूट गए हैं, संपर्क मार्ग बंद हैं। प्रदेश में हुई 58 मौतों में से 52 मौतें कुमाऊं मंडल में हुई हैं।

रविवार से शुरू हुई बारिश मंगलवार शाम तक हल्की हुई। कहीं कहीं पर उसके बाद भी हल्की बारिश जारी रही। लेकिन इस बारिश ने कुमाऊं मंडल में कहर ढा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुमाऊं मंडल के अलग-अलग हिस्सों में सात और मौतों का पता चलने के बाद आपदा से मरने वालों की संख्या अब 52 हो गई है।

नुकसान की बात करें तो कुमाऊं मंडल में 15 पुल बह गए हैं, छह हाईवे बंद हैं, 92 संपर्क मार्ग बंद हैं, 217 मकान-दुकान क्षतिग्रस्त हों गए हैं और 68 हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने बताया कि करीब सात हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान है। गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे हुए पर्यटकों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

कुमाऊं की सैर पर आए पर्यटकों की मुश्किल भी आपदा के बीच बढ़ गई है। सड़क मार्ग और यातायात ठप हो जाने से यहां अब भी देश के विभिन्न हिस्सों के 4928 सैलानी होटल व रिसार्ट में सुरक्षित हैं। हालांकि बुधवार को धूप निकलने के बाद कई मार्ग खुले तो करीब एक हजार पर्यटकों को उनके गंतव्य तक भेजा गया। मगर कुछ का बजट कम पड़ा तो उन्होंने धर्मशाला में शरण ली है। 

नैनीताल में फिलहाल 500 पर्यटक तो अल्मोड़ा में करीब 4086 पर्यटक फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि आपदा के कारण नैनीताल के 90 फीसद होटल खाली हैं। नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह के अनुसार बारिश की चेतावनी के बाद यहां के अधिकतर होटल खाली हो गए। कुछ पर्यटक यहीं रुक गए थे, जो बुधवार को गंतव्य के लिए रवाना हो गए।

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