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किसान समर्थन में भारत बंद,नैनीताल में व्यापारियों ने लिया फैसला


नैनीताल: तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत बंद के तहत सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्काजाम किया जाएगा, ताकि कर्मचारी दफ्तर जा सकें और उन्हें परेशानी न हो। 11 बजे तक ज्यादातर लोग ऑफिस पहुंच जाते हैं और 3 बजे छुट्टी होना शुरू हो जाती है। किसानों के इस भारत बंद को अब तक 8 राज्य सरकारों का समर्थन मिल गया है। इनमें दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल और महाराष्ट्र सरकार शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है, लेकिन भारत बंद को समर्थन नहीं दिया है। वहीं नैनीताल में भी किसानों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में 8 दिसंबर को भारत बंद का नैनीताल में कोई असर देखने को नहीं मिलेगा।


तल्लीताल व मल्लीताल व्यापार मंडल ने साफ किया है कि वह किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन देते हैं, लेकिन नगर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान रोज ही की तरह खुले रहेंगे। तल्लीताल व्यापार मंडल के अध्यक्ष मारुति नंदन साह व महासचिव अमनदीप सिंघ सनी व मल्लीताल व्यापार मंडल के चुनाव अधिकारी अमित साह ने बताया कि व्यापारी हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस बीच आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी मो.खुर्शीद हुसैन ने बताया कि किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी की ओर से मंगलवार यानी आज को मल्लीताल पंत पार्क में सुबह 11 बजे से धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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नया किसान बिल का क्यों हो रहा है विरोध ?


किसान संगठनों का आरोप है कि नए कानून के कर कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा जिसका नुकसान किसानों को होगा। क्योंकि सरकार अकाल, युद्ध, प्राकृतिक आपदा जैसी अन्य समय पर ही न्यूनतम मूल्य निर्धारित करेगी जैसे – कोरोना काल में सैनिटाइजर – मास्क पर लगाया था।

कृषि से जुड़े तीन बिल, जिनका हो रहा विरोध

केंद्र सरकार ने किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने को आजाद किया है। ताकि राज्यों के बीच कारोबार बढ़ेगा। जिससे मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टिशन पर भी खर्च कम होगा। इस बिल में सरकार ने किसानों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रोविज़न किया गया है। यह बिल कृषि पैदावारों की बिक्री, फार्म सर्विसेज़, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और एक्सपोर्टर्स के साथ किसानों को जुड़ने के लिए मजबूत करता है। कांट्रेक्टेड किसानों को क्वॉलिटी वाले बीज की सप्लाई यकीनी करना, तकनीकी मदद और फसल की निगरानी, कर्ज की सहूलत और फसल बीमा की सहूलत मुहैया कराई गई है। इस बिल में अनाज, दाल, तिलहन, खाने वाला तेल, आलू-प्‍याज को जरूरी चीजो की लिस्ट से हटाने का प्रावधान रखा गया है। जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिले।

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