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घोड़ाखाल सैनिक स्कूल के नाम जुड़ी है एक बड़ी कामयाबी,देश में है नंबर वन

हल्द्वानी: राज्य में सैनिक स्कूल का नाम सामने आने के बाद घोड़ाखाल स्कूल की कामयाबी की बात होना शुरू हो जाती है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित ये स्कूल हर साल अपने नाम के साथ एक नई कामयाबी को जोड़ता है। स्कूल के नाम देश को सबसे ज्यादा आर्मी ऑफिसर देने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। हर साल पासिंग आउट परेड में बड़ी संख्या में सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से पढ़े पूर्व विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं।

सैनिक स्कूल घोड़ाखाल भवाली में 21 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इन स्कूलों को सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित किया जाता है। यह रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत है। स्कूल में दाखिला देने के लिए कक्षा 6 और कक्षा 9 के लिए परीक्षाएं होती हैं। देश के सभी सैनिक स्कूलों का लक्ष्य विद्यार्थियों को भारतीय सेना का हिस्सा बनाने का होता है।

घोड़ाखाल सैनिक स्कूल के नाम कुछ खास कामयाबी दर्ज हैं। स्कूल ने देश को सर्वाधिक सैन्य अधिकारी दिए हैं। इसके अलावा स्कूल को 9 बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी भी मिली है। ये ट्रॉफी सर्वाधिक छात्रों को रक्षा सेवा में भेजने के लिए दी जाती है।

पिछले साल संसद में जारी आंकड़ों के अनुसार नैनीताल जिले में स्थित घोड़ाखाल सैनिक स्कूल ने पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा सैन्य अधिकारी दिए हैं। पिछले 10 साल से घोड़ाखाल सैनिक स्कूल से हर साल 33.4 प्रतिशत विद्यार्थी एनडीए, नेवल एकेडमी और मिलिट्री एकेडमी को ज्वाइन करते हैं। यह आंकड़ा देश के किसी भी सैनिक स्कूल से सबसे ज्यादा है।

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