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शाबाश आकांक्षा, देवभूमि की बेटी ने बिना कोचिंग PCS परीक्षा में पाई चौथी रैंक


देहरादून: लक्ष्य को प्राप्त करने की राह आसान बनाने का काम आपके सिवाय कोई नहीं कर सकता। वो केवल आप ही हैं, जो अपने लक्ष्य को आसान बना सकते हैं। अपनी मेहनत, लगन, तपस्या और दिनचर्या में कुछ बदलावों से आप हर मंजिल पा सकते हैं। UPPSC PCS 2022 जैसी कठिन परीक्षा बिना कोचिंग के पास करने में भी इन्हीं गुणों की जरूरत होती होगी। देहरादून की बेटी आकांक्षा ने ये कर के दिखाया है।

दरअसल, शुक्रवार की देर शाम जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस 2022 का अंतिम चयन परिणाम घोषित किया तो उत्तराखंड की एक बेटी ने अपनी सफलता से हर किसी का दिल जीत लिया। देहरादून की रहने वाली आकांक्षा गुप्ता ने टॉप दस में स्थान प्राप्त किया है। जी हां, बेटी को परीक्षा में चौथी रैंक मिली है।

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अरने पांचवे प्रयास में सफल हुईं आकांक्षा ने इंजीनियरिंग के बाद समाज सेवा के लिए नौकरी को ठुकराया। खास बात तो यह है कि ये कारनामा आकांक्षा ने बिना किसी कोचिंग के किया है। आपको बता दें कि आकांक्षा के पिता मोहित नगर निवासी नरेंद्र गुप्ता का टाइल्स का कारोबार है। आकांक्षा की प्रारम्भिक शिक्षा की बात करें तो यह उन्होंने सेंट जूड स्कूल से प्राप्त की है।

इसके बाद आकांक्षा ने डीआईटी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक किया इंफोसिस जैसी नामी कंपनी में नौकरी का मौका भी मिला। लेकिन आकांक्षा अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ निश्चय कर बैठी थीं। आकांक्षा ने समाज सेवा के लिए प्रशासनिक सेवा को अपना सपना मानकर घर पर ही रहकर यूपीपीएससी के लिए सेल्फ स्टडी शुरू कर दी।

बता दें कि आकांक्षा पिछले छह सालों से सिविल सेवा की तैयारी कर रही थीं। अब पांचवें प्रयास में उन्हें यूपीपीएससी में सफलता मिली है। गौरतलब है कि इससे पूर्व उन्होंने उत्तराखंड पीसीएस का मेंस क्वालीफाई किया, लेकिन इंटरव्यू में रह गईं थी। यूपीपीएससी में इंटरव्यू के करीब तक पहुंच कर रह गईं। अब आकांक्षा पूरी तरह सफल हो गई हैं। आकांक्षा ने माता-पिता को श्रेय दिया है। उन्हें अब बतौर डिप्टी कलेक्टर नियुक्ति मिलेगी।

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