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देहरादून:दस रुपए में सेवा देने वाली स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें घाटे का सौदा, चौंका देंगे आंकड़े

देहरादून: राजधानी में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें चलने लगी हैं। कुछ दिन पहले सेलाकुई-देहरादून-रायपुर रूट पर भी इसका संचालन शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने परेड ग्राउंड से स्मार्ट बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें कि 32 किमी के इस रूट के लिए न्यूनतम किराया 10 रुपये रखा गया है। यात्रियों के रुपए बचा रही ये बसें नुकसान का सौदा है।

आरटीआई के तहत सामने आई जानकारी के मुताबिक 21 फरवरी से आइएसबीटी-राजपुर मार्ग पर चलाई गई पांच स्मार्ट बसों की कमाई केवल 11 लाख रुपए रही बल्कि इसके संचालन का खर्च 38 लाख रुपए रहा। शहर को प्रदूषणमुक्त करने, आरामदायक सफर और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन बसों का संचालन शुरू किया गया था।

बस संचालन की जिम्मेदारी मैसर्स एवरी ट्रांस कंपनी के पास है। स्मार्ट सिटी कंपनी एवं मैसर्स एवरी ट्रांस में पीपीपी मोड में करार है। जिसके अंतर्गत बस मैसर्स एवरी ट्रांस उपलब्ध कराएगी और संचालन की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी।

इसके लिए स्मार्ट सिटी कंपनी मैसर्स एवरी ट्रांस को 66.78 रुपये की प्रति किमी के हिसाब से भुगतान करेगी। बस का ड्राइवर कंपनी के हैं, जबकि परिचालक को परिवहन निगम ने उपलब्ध कराया हुआ है। देहरादून में कुल 30 स्मार्ट बस संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।

सूचना के अधिकार के तहत सिटी बस सेवा महासंघ को मिली जानकारी के अनुसार 21 फरवरी से 25 अप्रैल तक इन पांच बसों ने 55825 किमी यात्रा की, इसके बाद कोरोना Curfew लगा और बसों का संचालन बंद था। संचालन शुरू होने के बाद से 25 अप्रैल तक दो माह की अवधि में इन बसों पर कुल 37 लाख 67 हजार 649 रुपये का खर्च आया है।

स्मार्ट सिटी कंपनी के पास मैसर्स एवरी ट्रांस को 32 लाख 34 हजार 244 रुपये का भुगतान कर दिया है। दो माह में इन बसों ने यात्री किराये के रूप में केवल 11 लाख 14 हजार 705 रुपये की कमाई की जबकि स्मार्ट सिटी कंपनी ने पांच लाख 33 हजार 405 रुपए का भुगतान करना है।

सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल का कहना है कि स्मार्ट बसों का संचालन कर सिटी बसों को खत्म किया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो स्मार्ट सिटी के अंतर्गत मिलने वाला बजट इन्हीं बसों पर खर्च हो जाएगा।

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