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हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश के आरोपो का भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने दिया जवाब

हल्द्वानी- भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने विधायक सुमित हृदयेश के इस बयान को हास्यापद बताया कि सदन में विपक्ष की आवाज राज्य सरकार दबा रही है। उन्होने कहा कि स्वयं पूरे प्रदेश की जनता ने देखा कि किस प्रकार विपक्ष के विधायक विधानसभा की सम्मानित महिला अध्यक्षा पर किस प्रकार प्रहार कर रहे थे और उनसे अभद्रता कर रहे थे वास्तव में स्थिति यह है कि पूरे देश व प्रदेश में जनता द्वारा नकार दिये जाने के बाद कांग्रेस के लोग अपना हौसला खो बैठे है और इस प्रकार के पागलपन की हरकते कर रहे है।

प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने कहा कि एक वर्ष तक स्थानीय विधायक ने कुछ नही किया है उनका मकसद महज सुनोयोजित विकास में बाधा पहुंचाना है उन्होंने कहा एक तरफ विधायक विधानसभा क्षेत्र में कैथ लैब स्थापित करने, ड्रेनेज सिस्टम स्थापित करने के लिए 650 करोड़ रुपये देने के लिए सरकार का आभार व्यक्त कर रहे है और दूसरी ओर सरकार की आलोचना भी कर रहे है। प्रकाश रावत ने कहा कि सरकार ने 57 करोड़ रूपये काठगोदाम में बस अडडे के लिए दिये है उन्होंने कहा कि जब जब उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार आयी है विकास कार्यों में लूट खसोट के सिवा कुछ नही हुआ। स्वयं इनके पूर्व मुख्यमन्त्री विडियो में लेन देन की बात करते हुए दिखाई दिये।

प्रकाश रावत ने कहा कि प्रदेश के युवा मुख्यमन्त्री प्रदेश के सुनोयोजित विकास के लिए रात दिन मेहनत कर रहे है। कांग्रेस के जमाने से फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री जो घोषणाएं करते है उनका अनुपालन भी सुनिश्चित करते है। उन्होने कहा कि आज तक भर्तीयो में घोटाले होते रहे है। पहली बार दृढ संकल्प शक्ति के साथ युवा मुख्यमन्त्री ने सबसे सशक्त नकल कानून लगाया है प्रदेश में धर्मान्तरण विरोधी कानून, समान नागरिक कानून जैसे सख्त कानून बनाये गये हैं प्रदेश में जो कांग्रेस के जमाने में गुड़ाराज चलता था उसे खत्म किया गया है।

कांग्रेस के राज्य में महज झूठी घोषणाए होती थी व अनुपालन नही होते थे। प्रकाश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में गब्बर सिंह टैक्स कांग्रेस के जमाने में देना पड़ता था और उसी गब्बर सिंह टैक्स से कांग्रेस के लोगों ने अकूत धन सम्पदा बनाई है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से विधानसभा में अपने अमर्यादित आचरण पर माँफी मागने के लिए कहा।

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