नैनीताल: “दिल पर लगती है, तो बात बनती है।” एक युवक ने जब अपनी मां को खून ना मिलने के कारण बीमारी से जूझता पाया, तो उसने ठान लिया कि वह एक रक्तदान संस्ता खोलेगा। लेकिन सोचने और करने में अंतर होता है, दुनिया तो ऐसा ही कहती है। मगर नैनीताल के इस युवक ने इस विचार को ज़मीन पर ऐसा उतारा कि आज तक वह अपनी संस्था के माध्यम से रक्तदान कर करीब 300 मरीज़ों की जान बचा चुके हैं। इतना ही नहीं, रोज़ के तौर पर हल्द्वानी, भवाली और अन्य जगहों के युवा भी इस संस्ता से आ कर जुड़ रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं रक्तदान से जुड़ी संस्था “एक कदम अच्छाई की ओर” की और यह कहानी है इस संस्था के अध्यक्ष अभिषेक मुल्तानिया की। अभिषेक मुल्तानिया ने बताया कि करीब 17 साल पहले उनकी मां को खून ना मिलने के कारण खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने तय किया था, वो किसी ज़रूरतमंद को खून के लिए परेशान नहीं होने देंगे।
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जानकारी के अनुसार 17 वर्ष पहले अभिषेक की माता जी ट्यूमर की बीमारी से ग्रसित थी। एक दिन जब उनकी तबीयत बहुत बिगड़ी, उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया तो चिकित्सकों ने खून चढ़ाने की सलाह दी।इसके बाद खून के लिए तमाम इंतज़ाम किए गए, पड़ोसियों व रिश्तेदारों से पूछा गया, मगर खून नहीं मिल सका। आखिर में दोस्तों की मदद से एक यूनिट खून का इंतज़ाम हुआ। अभिषेक ने बताया कि तब बीडी पांडे जिला अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं था।
बहरहाल बाद में उनकी मां का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उनके पेट से ढाई किलो का ट्यूमर निकाला था। इसी दिन के बाद उन्होंने संस्था खोलने का मन बना लिया था। इसके बाद उन्होंने नैनीताल और हल्द्वानी की कुछ रक्तदान संस्थाओं के साथ जुड़ कर खून डोनेट करना शुरू किया।
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लोगों से परिचय होने के बाद पहली बार 2017 में अभिषेक मुल्तानिया द्वारा नैनीताल में रक्तदान शिविर लगाया गया। दो साल के बाद 2019 में उन्होंने “एक कदम अच्छाई की ओर” नाम से संस्था का पंजीकरण कराया। 200 से ज़्यादा लोगों की इस संस्था द्वारा अब तक 300 यूनिट से भी ज़्यादा खून डोनेट किया जा चुका है। बीडी पांडे अस्पताल के रक्तकोष प्रभारी रजनीश मिश्रा बताते हैं कि हर रोज़ करीब पांच से छह लोग यहां रक्त लेने पहुंचते हैं।
बता दें कि हर महीने की की आठ तारीख को इस संस्था द्वारा बीडी पांडे अस्पताल में ही रक्तदान शिविर लगाया जाता है। साथ ही, अगर किसी को भी वक्त बेवक्त खून की ज़रूरत होती है तो संस्था के सदस्य दौड़े चले आते हैं। अभिषेक मुल्तानिया ने बताया कि यह सब युवाओं के साथ से ही संभव हो पाया है। उन्होेंने कहा कि विभिन्न इलाकों के युवाओं के जुड़ने से ज़रूरतमंदों को रक्त मुहैया कराया जा रहा है। संस्था में डॉ. सरस्वती खेतवाल, मुबिशिरा, अंकित कुमार, अतुल वेदी, संजय कुमार के साथ अन्य युवा मिल कर काम कर रहे हैं।
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