देहरादून: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से नया अपडेट जारी किया गया है। अधिकतर स्कूल एक अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू करते हैं। सीबीसएसई ने स्कूलों के प्रमुख और प्रधानाचार्य को एक अप्रैल से नया सत्र शुरू नहीं करने को कहा है। CBSE की ओर से कहा गया है कि इससे जल्दी जल्दी स्लेबस को पूरा किया जाता है और जो छात्रों में चिंता और थकान पैदा करता है। बता दें कि कई दसवीं और 12वीं के स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र शुरू करने के बाद दी गई है, जिसके बाद सीबीएसई ने स्कूलों सलाह दी है। CBSE की कक्षा 10वीं और 12वीं की अभी बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुईं हैं। कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 21 मार्च को और कक्षा 12वीं की 5 अप्रैल को समाप्त होंगी।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने आधिकारिक आदेश में कहा कि कुछ संबद्ध स्कूलों ने अपना शैक्षणिक सत्र वर्ष में कुछ जल्दी शुरू कर दिया है। कम समयसीमा में पूरे वर्ष के पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रयास करने से छात्रों के लिए जोखिम उत्पन्न होता है, जो चिंता और थकान का सामना कर सकते हैं।
बोर्ड ने नोट किया है कि एकेडमिक सेशन समय से पहले शुरू करने से स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्यूरिकुलर एक्टीविटीज जैसे कि वैल्यू एजुकेशन, लाइफ स्किल्स, हेल्थ, फिजिकल एजुकेशन और कम्यूनिटी सर्विस के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है। ये सभी एक्टीविटीज एकेडमिक्स के समान ही महत्वपूर्ण हैं। वैसे शैणक्षिक सत्र एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है और ऐसे में केवल एक दिन में ही पढ़ाई शुरू कराने की जल्दबाजी स्कूल कर रहे हैं और सीबीएसई उन्हें रोकना चाहता है।