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बैठक में नहीं पहुंचे,DM स्वाति एस भदौरिया ने सरकारी विभागों को नैनीताल बैंक से खाता हटाने को कहा


चमोली: ग्रामीणों के लंबित ऋण आवेदनों और बिना ठोस कारण बताए आवेदनों को निरस्त करने पर बैंक अधिकारियों को महंगा साबित हुआ। जिला स्तरीय पुन निरीक्षण समिति की मासिक बैठक में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बैंक अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि लोन का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचेगा तो वह विकास की ओर बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के कोई भी आवेदन निरस्त न किए जाए और किसी भी आवेदन को निरस्त करने से पहले संबधित विभागों से अवश्य संपर्क करें। उचित कारण न पाए जाने पर संबधित बैंक शाखा प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंकों को 900 आवेदन भेजे गए थे, जिसमें से बैंकों ने 410 आवेदन स्वीकृत हुए और 395 आवेदन विभिन्न बैंकों में लंबित है। एनयूएलएम के तहत बैंकों को 115 आवेदन भेजे गए थे, इसमें से 56 लंबित है। पीएमईजीपी के तहत बैकों को 352 आवेदनों में से 138, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 329 आवेदनों में से 108 आवेदन लंबित चल रहे हैं।

एससीपी के तहत 38 आवेदनों में से 23, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के वाहन मद में 13 आवेदन में से छह तथा गैर वाहन मद में 14 आवेदन में से आठ लंबित चल रहे है। बैकों के ऋण जमा अनुपात की धीमी प्रगति पर डीएम नाखुश दिखी।उन्होंने बताया कि आरबीआइ ने बैंकों का न्यूनतम सीडी रेश्यो का मानक 40 प्रतिशत निर्धारित किया है। जिले के 18 बैंकों में से 15 बैंको का सीडी रेश्यो 40 प्रतिशत से कम हैं।

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सरकार की ओर से प्रायोजित ऋण योजनाओं के अंतर्गत समिति से स्वीकृत ऋण प्रस्तावों पर शीघ्र ऋण आवंटन करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में इंडियन ओवरसीज बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक तथा नैनीताल बैंक से कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा तो डीएम नाराज हो गई। उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और सरकारी विभागों को इन बैंकों से तत्काल अपने खाते हटाने को कहा।

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