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पिथौरागढ़ के चंचल सिंह बने सेना में लेफ्टिनेंट, पिता के शहीद होने पर लिया था संकल्प

पिथौरागढ़: देवभूमि सदा से ही वीरों की भूमि रही है। यहां वीर जन्म लेते हैं। देश सेवा करने की ललक उत्तराखंड के युवाओं को सबसे अलग बनाती है। ताजा खबर ये है कि अब पिथौरागढ़ के चंचल सिंह ने अपने परिवार के साथ साथ प्रदेश का मान बढ़ाया है। पिता के शहीद होने के बाद चंचल ने लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार को गौरवान्वित किया है।

साल 2002 में ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हुए हरीश चंद्र सिंह के परिवार पर जिन दुखों का पहाड़ टूटा था। आज उस परिवार ने आंखों में आंसु और चेहरे पर गर्व की मुस्कान ओढ़कर खुशियां महसूस की हैं। शनिवार को आइएमए में पासिंग आउट परेड का पड़ाव पार कर शहीद हरीश चंद्र के बेटे भारकोट (पिथौरागढ़) निवासी चंचल सिंह सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।

कम उम्र में पिता के चले जाने से घर परिवार टूट जाता है। चंचल बताते हैं कि पिता जब शहीद हुए तब वो केवल पांच साल के थे। मगर मां सीता देवी के द्वारा बताए गए किस्सों से पिता हमेशा साथ रहे। छोटी उम्र में ही पिता की तरह देश सेवा करने का संकल्प लेने वाले चंचल ने परिवार के सहयोग से इसे साकार भी किया है।

बता दें ति चंचल ने मध्य प्रदेश के सागर में वार विडो हास्टल में रहकर पढ़ाई की। हालांकि, किसी कारणवश उन्हें साल 2013 में बतौर जवान सेना में भर्ती होना पड़ा। मगर अपनी मेहनत और लगन से चंचल ने एसीसी के माध्यम से अफसर बनने की राह तय की। चंचल ने अपने परिवार और अपने पिता का सिर ऊंचा किया है।

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