Nainital-Haldwani News

विधायक संजीव आर्य के कांग्रेस में आने से नैनीताल विधानसभा सीट पर मची खलबली

विधायक संजीव आर्य के कांग्रेस में आने से नैनीताल विधानसभा सीट पर मची खलबली

नैनीताल: परिवार से सदस्य बढ़ने से यूं तो परिवार जनों का खुशी होना लाजमी सी बात है। लेकिन राजनीति में इस तरह की खुशियां अधिकतर कलह में तब्दील हो जाती हैं। अब देखिए ना, यशपाल आर्य व संजीव आर्य बीते दिन कांग्रेस में शामिल क्या हुए, नैनीताल सीट पर तो अभी से खलबली मचनी शुरू हो गई है। नैनीताल से विधायक सीट की दावेदार सरिता आर्य ने तो पार्टी छोड़ने तक की बात कह डाली।

दरअसल सोमवार को उत्तराखंड सरकार में वर्तमान में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे यशपाल आर्य अपने पुत्र संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। गौरतलब है कि दोनों 2017 से पहले भी कांग्रेस के ही हुआ करते थे। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनावों में यशपाल आर्य व संजीव आर्य ने क्रमानुसार बाजपुर व नैनीताल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता था।

जहां एक तरफ कांग्रेसियों के लिए ये ऊर्जा का विषय बताया जा रहा है। वहीं कलह भी रुक-रुक कर सामने आ रही है। सबसे पहले परेशानी नैनीताल विधानसभा सीट से सामने आई है। गौरतलब है कि संजीव आर्य नैनीताल सीट से वर्तमान में विधायक हैं। ऐसे में अब कांग्रेस के पास इसी सीट से तीन नेता दावेदारी करने के लिए तैयार बैठे हैं।

बता दें कि संजीव आर्य के अलावा हेम आर्या और सरिता आर्या दो अन्य नाम हैं। दरअसल 2017 में हेम आर्या भाजपा में थे। मगर भाजपा ने उन्हें टिकट ना देकर कांग्रेस से आए संजीव आर्य को नैनीताल से टिकट दिया। इस चुनाव में हेम आर्या निर्दलीय तो वहीं सरिता आर्या कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ी थीं। मगर दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा क्योंकि संजीव आर्य को शानदार जीत मिली।

इसके बाद हेम आर्या कांग्रेस में आ गए। सरिता आर्या अब भी कांग्रेस की सच्ची सिपाही बनी हुई थीं। मगर खेल तब बदला जब विधायक संजीव आर्य ने अपने पिता यशपाल आर्य के साथ फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसके बाद से नैनीताल सीट पर जंग छिड़ गई है। कांग्रेस की सरिता आर्या इस बात से दुखी हैं कि कहीं पार्टी इनका टिकट काटकर संजीव आर्य को टिकट ना दे दे।

डर लाजमी भी है क्योंकि संजीव आर्य पिछले चुनाव में नैनीताल की जनता का भरोसा जीतकर आ रहे हैं। मगर नैनीताल सीट पर विधायकी के तीन दावेदार होने के बाद पार्टी हाईकमान का सिर दर्द जरूर बढ़ने वाला है। सरिता आर्या की बात करें तो उन्होंने यशपाल आर्य को आढ़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में मलाई खाने के बाद यशपाल आर्य कांग्रेस के साथ हो लिए।

सरिता आर्या पार्टी में काफी समय से बनी हुई हैं। माना जाता है कि उनकी नैनीताल की जनता में भी अच्छी पकड़ है। बहरहाल संजीव आर्य के कांग्रेस में आने पर सरिता आर्या कतई भी खुश नहीं है। उन्होंने पार्टी छोड़ने तक की चेतावनी दे दी है। सरिता आर्य ने कहा कि अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी अनदेखी की गई तो उन्हें मजबूरन पार्टी छोड़नी पड़ेगी। देखना दिलचस्प होगा कि आगे चल कर हालात किस तरह के बनते हैं।

To Top
Ad