देहरादून: राज्य के मुख्यमंत्री ने हड़ताल पर बैठे मनरेगा कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी हड़ताल कर रहे मनरेगा कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें यह कहा गया था कि काम पर ना लौटने वाले मनरेगा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। बता दें कि मनरेगा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के अनुसार सीएम ने किसी भी कर्मचारी को ना हटाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि मनरेगा कर्मचारी लिखित में आश्वासन मांग रहे हैं। बता दें कि 79 दिनों से मनरेगा कर्मचारी हिमाचल प्रदेश की तरह ही कर्मचारियों को ग्रेड पे देने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। मनरेगा कर्मचारी संघ के अनुसार हाल में सीएम से वार्ता कर सहमति बनी लेकिन सरकार ने 29 मई को कम पर नही आए कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे।
अब मंगलवार सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल की बात मनरेगा कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से हुई है। इस मुलाकात के दौरान सीएम से फोन पर बात हुई। जिसमें मुख्यमंत्री ने एक भी मनरेगा कर्मचारी को नहीं हटाए जाने का निर्णय साफ किया। तय हुआ कि मनरेगा कर्मचारी पुरानी व्यवस्था के तहत कार्य करते रहेंगे। मनरेगा कर्मचारियों के लिए एनजीओ प्रणाली लागू नहीं होगी।
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार एक भी मनरेगा कर्मचारी नहीं हटाया जाएगा। उनकी मांगों पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी। इधर मनरेगा संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर मणि सेमवाल ने सरकार के रुख को सकारात्मक बताया और कहा कि लिखित आदेश मिलने के बाद ही हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया जाएगा। तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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