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क्या लैंसडाउन का नाम बदला जाएगा? राजनीति गलियारों और सोशल मीडिया में चर्चा

देहरादून: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भी गुलामी के प्रतीक हटाने का निर्णय लिया है। ब्रिटिश कालीन नामों को बदला जाएगा। लेकिन इससे पहले ही उत्तराखंड में गरमा गरमी बढ़ गई है। दरअसल लैंसडाउन का नाम बदले जाने की चर्चा हर तरफ हो रही है। मगर कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कप्तानों में बहस छिड़ गई है।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष करण महारा ने कहा है कि लैंसडाउन गुलामी का प्रतीक नहीं है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि कांग्रेस गुलामी की सोच में अब तक जकड़ी हुई है। आपको बता दें कि लैंसडाउन के विधायक दिलीप रावत ने खुद भी लैंसडौन का नाम बदलने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा है कि इसका नाम कालेश्वर नगर या बलभद्र सिंह नेगी नगर रखा जा सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की बात करें तो उनका मानना है कि लैंसडाउन का नाम कालौ का डांडा रखना चाहिए। मगर क्षेत्र विधायक की राय उन से मेल नहीं खाती। वहीं, सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है इसमें कोई दो राय नहीं कि लैंसडाउन का नाम आज विश्वविख्यात हो चुका है। ऐसे में नाम का बदलना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

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