Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के निमित्त चुनाव आयोग ने आज चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव में 97 करोड़ वोटर प्रतिभाग करेंगे। 1.82 करोड़ मतदाता पहली बार वोट करेगें। 47.1 प्रतिशत महिला वोटर और 49.7 प्रतिशत पुरूष वोटर हैं।
इस बार 10.5 लाख बूथ बनाए गए हैं। चुनाव का आयोजन सात चरणों में कराया जाएगा।
पहला चरण 19 अप्रैल उत्तराखंड समेत 21 राज्यों में वोटिंग होगी।
दूसरा चरण 26 अप्रैल
तीसरा चरण 7 मई
चौथा 13 मई
पांचवा 20 मई
छठा 25 मई
सातवां 1 जून
4 जून को वोटिंग होगी।
आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और ओडिसा में विधानसभा चुनाव होंगे।
भारत में चुनावों को लोकतंत्र के एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जहाँ चुनाव आयोग की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल केवल और केवल चुनाव पर अपना ध्यान लगाकर पार्टी द्वारा तैयार की गई रणनीति पर ही एकाग्रता से काम करती है।
वहीं सरकार और विपक्ष के कई नेताओं पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लग जाते हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद देशभर में आचार संहिता लागू कर दी जाती है, जिसके बाद वित्तीय और योजना सम्बंधित सभी घोषणाएं करने की किसी भी नेता को अनुमति नहीं होती। इसी के साथ कोई भी नेता किसी भी सरकारी योजना के अंतर्गत शिलान्यास या नहीं कर सकता।
आचार संहिता लागू होने पर कौन से नियमों का करना होता है पालन
कोई भी मंत्री या अधिकारी वित्तीय अनुदान की घोषणा और उससे सम्बंधित कोई भी वादा नहीं कर सकता
सिविल सेवकों के अतिरिक्त कोई भी सरकार से जुड़ा व्यक्ति शिलान्यास और किसी भी प्रकार की योजना-परियोजना का उदघाटन नहीं कर सकता
सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधा के के प्रावधान आदि से सम्बंधित वादे भी नहीं किए जा सकते
केंद्र सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी के रूप में ही काम करना होता है
सरकार किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकती ऐसा करने के लिए आयोग की अनुमति लेनी होती है
सरकारी पैसे से किसी भी प्रकार के विज्ञापन या संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जाती यदि पहले से ऐसे विज्ञापन चल रहे हैं तो उन्हें हटा लिया जाता है
किसी प्राकृतिक आपदा या महामारी आने पर अगर सरकार कोई कदम उठाना चाहती है तो आयोग की अनुमति जरूरी होती है
सरकारी विमान, वाहन, मशीनरी और कर्मियों सहित सरकारी परिवहन का उपयोग सत्तारूढ़ दल के हितों को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता
चुनावी बैठकें आयोजित करने के लिए मैदान और फ्लाइट्स के लिए हेलीपैड जैसे सार्वजनिक स्थान समान नियमों और शर्तों पर सभी दलों और उम्मीदवारों के लिए सुलभ होने चाहिए
मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता
प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियां कितनी भी गाड़ियां (टू-व्हीलर भी शामिल) इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन पहले रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति लेनी होगी
किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस की अनुमति लेनी होगी
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे का इस्तेमाल नहीं हो सकता. अगर कोई रैली भी होनी है, तो सुबह 6 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद नहीं होगी
किसी भी पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार के लिए प्रचार कार्यालय के रूप में या सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने के लिए उनका उपयोग करना प्रतिबंधित है
कोई भी पार्टी या कैंडीडेट ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है
जब भी कोई दल अपने प्रतिद्वंदी पार्टी की आलोचना करेगा, उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रहेगी।