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हल्द्वानी का 28 वर्षीय युवक भी लड़ेगा विधानसभा चुनाव, MBPG कॉलेज से की है बीए की पढ़ाई…

हल्द्वानी: विधानसभा चुनावों के समर में बड़े बड़े राजनैतिक दल ताल ठोकते हैं। ऐसे उम्मीदवार मैदान पर उतरते हैं जिनकी संपत्ति लाखों करोड़ोंं की होती है। अमुमन तौर पर ऐसा कम होता है कि एक 28 वर्षीय युवा एक हजार रुपए की नगदी के बल पर विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल कर दे। लेकिन इस बार ऐसा हुआ है। हल्द्वानी विधानसभा सीट से एमबीपीजी के छात्र रहे दिव्यांशु वर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। दिव्यांशु के इस कदम के चर्चे पूरे हल्द्वानी शहर में हो रहे हैं।

उत्तराखंड में 70 की 70 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 14 फरवरी को वोटिंग होनी है। इसके लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 जनवरी यानी शुक्रवार थी। बीते दिन हल्द्वानी सीट से सभी प्रत्याशियों ने नामांकम दाखिल कर दिए। इस दौरान भाजपा से जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, कांग्रेस से सुमित हृदयेश, आप से समित टिक्कू, सपा से शुऐब अहमद समेत तमाम प्रत्याशियों ने पर्चा भरा। इन्हीं के बीच हल्द्वानी निवासी दिव्याशु वर्मा भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा भरने पहुंचे थे।

बता दें कि 28 साल के युवा दिव्यांशु वर्मा ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने सबको चौंका दिया है। दरअसल एमबी पीजी कॉलेज से बीए की पढ़ाई पूरी कर चुके दिव्यांशु मौजूदा समय में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। वह एनसीसी कैडेट के तौर पर भी सक्रिय रहे हैं। दिव्यांशु के पिता हल्द्वानी में ही नगर निगम की ओर से संचालित पेट्रोल पंप में कर्मचारी हैं। जानकारी के मुताबिक दिव्यांशु ने नामांकन पत्र में एक हजार रुपये नकदी और 2 लाख रुपये की चल-अचल सम्पत्ति का ब्योरा पेश किया है।

दिव्यांशु ने चुनावों में नामांकन को लेकर जानकारी दी और बताया कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी में राजनीतिक विज्ञान और संसदीय प्रणाली की पढ़ाई कर रहे हैं। इसी दौरान उनके मन में विधानसभा चुनाव लड़ने का ख्याल आया। फिर क्या था हल्द्वानी के इस युवा ने नामांकन भी दाखिल कर दिया। दिव्यांशू का कहना है कि चुनाव का परिणाम क्या होगा इसकी उन्हें चिंता नहीं है। उनका मकसद बस युवाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करना है। बता दें कि दिव्यांशु ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इंकलाब लाने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश के युवा वाकई कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते। हल्द्वानी के दिव्यांशु वर्मा ने एक बार फिर इस बात को साबित किया है।

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