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अल्मोड़ा की गरिमा जोशी के हौसले को सलाम, व्हीलचेयर पर बैठकर जीते दो गोल्ड मेडल


अल्मोड़ा: “दुख तो हैं सबके साथ, बस नजरिए की है बात।” यह कथन आपने भी कई बार सुना और पढ़ा होगा। मगर अपने नजरिए से अपनी कमजोरी को ताकत में बदल कर दिखाया है, उत्तराखंड की एक महिला ने…गरिमा जोशी की हम बात कर रहे हैं, जिन्होंने दिव्यांग वर्ग की पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 2 गोल्ड मेडल जीते हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि विषम परिस्थितियां किसी के सामने भी आ सकती हैं। 31 मई 2018 को ऐसी ही एक बड़ी विपदा अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र के छतगुल्ला गांव की रहने वाली गरिमा जोशी के जीवन में भी आई थी, जब गरिमा को एक हादसे में बुरी तरह चोट लगी थी और वह व्हीलचेयर पर आ गई थी।

अब गरिमा जोशी ने उत्तराखंड में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के दिव्यांग वर्ग की परत एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। गरिमा ने जैवलिन थ्रो और डिस्कस थ्रो में यह कारनामा कर के दिखाया है। इससे पहले भी वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम कर चुकी हैं।

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मुश्किल परिस्थितियों को बहाना ना बनाते हुए गरिमा ने इसे अपनी ताकत बनाया और आज अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया है। पिछले साल इटली में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में गरिमा ने रजत पदक और कांस्य पदक भी जीता था। आज पूरे उत्तराखंड को गरिमा जोशी पर गर्व है। हमारी तरफ से भी उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं।

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