हल्द्वानी: शहरवासियों और कुमाऊं के अनेकों लोगों के लिए खतरनाक बीमारी कैंसर का इलाज कराना अब पहले से आसान हो जाएगा। शहर में प्रस्तावित कैंसर इंस्टीट्यूट की तैयारियां अब तेज़ी पकड़ती दिख रही हैं। जो कुछ भी वन भूमि को लेकर मुश्किलें आ रही थी, अब सब आसान होती नज़र आ रही हैं।
बजट के बाद ज़मीन पर बात आकर ज़रा रुक सी गई थी। क्योंकि 103 करोड़ के बजट के इस बड़े प्रोजेक्ट को वन भूमि की तरफ से परमिशन नहीं मिल सककी थी। ऐसे में गुरुवार को भारत सरकार द्वारा स्वामी राम कैंसर अस्पताल समेत एसटीएच और राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की वन भूमि ट्रांसफर प्रक्रिया पर सैद्धांतिक अमुमति प्रदान कर दी गई है।
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हुआ यूं कि गुरुवार को देहरादून के अरण्य भवन स्थित मुख्य वन संरक्षक कार्यालय में वर्चुअल बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त और राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. भैंसोड़ा भी शामिल हुए थे। डॉ. भैंसोड़ा के द्वारा यह बताया गया कि भारत सरकार न वल भूमि ट्रांसफर के लिए अनुमति दे दी है।
हालांकि जानकारी के मुताबिक इस ज़मीन के बदले में क्षति के रूप में 1.35 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। इसके अलावा करीब एक हफ्ते के अंदर कार्यवाही पूरी भी हो जाएगी। साथ ही इसके बाद एसटीएच एसटीएच, सड़क और कैंसर इंस्टीट्यूट से वन भूमिका का मसला भी खत्म होगा।
देका जाए तो यह मामला आज का नहीं है। करीब छह सालों से राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधिन स्वामी राम कैंसर संस्थान को ही स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की बातें चल रही है। केंद्र सरकार की टीमों द्वारा कई एक बार यहां का निरीक्षण भी किया गया है। साथ ही 70 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं। मगर 2020 में वन भूमि का मामला अटकने से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया था।
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