हल्द्वानी: आसमान में उड़ान भरने के बाद इंसान ज़मीन को भूल जाता है। फिर उसे ज़मीन तभी याद आती है जब उसे लौटना पड़ता है। मगर उत्तराखंड देवों की भूमि होने के साथ साथ संस्कारों का गढ़ भी है। यही बात भारतीय क्रिकेटर और उत्तराखंड के मूल निवासी ऋषभ पंत की मम्मी ने दर्शायी है। ऋषभ पंत की मां सरोज पंत ने गौलापार एक शादी में पहुंचकर और वहां पहाड़ी पिछौड़ा पहनकर यह दिखा दिया कि वह उत्तराखंड की लोक संस्कृति को कतई भी नहीं भूली हैं।
दरअसल रविवार को भारतीय टीम के युवा क्रिकेटर ऋषभ पंत की मां सरोज पंत गौलापार में आयोजित शादी फंक्शन में पहुंची। इस दौरान वह पहाड़ी वेशभूषा में नजर आई। उन्होंने गांव पहुंचकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया। सबसे पहले तो ऋषभ पंत के द्वारा इतना नाम कमा लेने के बाद भी उनकी मां की यहां आना उनके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बयान करता है। उसके बाद पहाड़ी वेशभूषा का धारण करना यह दर्शाता है कि उन्हें पहाड़ों से कितना लगाव है, कितना प्यार है।
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सरोज पंत गौलापार में वरिष्ठ अधिवक्ता पूरन चंद्र भगत की बेटी डॉ कामिनी की शादी समारोह में पहुंची थी। वह गणेश पूजा,हल्दी और मेंहदी कार्यक्रम में शामिल हुई। यहीं पर उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वह रसोई में पिछौड़ा पहने हुए हैं और कुमाऊंनी रीति रिवाज़ के साथ पकवान बनाती नजर आ रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता पूरन चंद्र भगत की बेटी कामिनी भगत की शादी 16 फरवरी को है। सरोज पंत पूरन चंद्र भगत की मौसी की बेटी हैं।
हमने अधितकर यह बात सुनी है कि कोई अगर प्रसिद्धि पा लेता है, तो वह अपनी जड़ों को भूल जाता है। लेकिन ऋषभ पंत की मां ने शादी में पूरा पहाड़ी रूप धारण कर अपनी बेहतरीन और नेक सोच को जाहिर किया है। उम्मीद है कि ऋषभ पंत आने वाले समय में भारत के लिए बहुत मैच खेलेंगे और जीत भी दिलाएंगे। लेकिन एक बात साफ हो गई कि कुछ भी हो जाए ऋषभ की परवरिश की बदौलत ही वे हमेशा अपने उत्तराखंड, अपनी ज़मीन से जुड़े रहेंगे।
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