हल्द्वानीः जीएसटी को भारत की सबसे बड़ी आर्थिक सहायता के रूप में देखा जाता है । मार्च के आते-आते रिटर्न दाखिल करने के लिए अब व्यापारियों के खिलाफ राज्य कर विभाग ने शिकंजा कसना चालू कर दिया है,जिसमें विभाग ने जून से दिसंबर के दौरान अपना रिटर्न दाखिल ना करने वालो की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है । जिसमें अभी तक 1500 से भी ज्यादा व्यापारियों का जीएसटी पंजीयन रद्द कर दिये गये है ।जिसका कारण नियमों की अनदेखी करना बताया जा रहा है । कुमाऊं में अभी जीएसटी भरने वालो की संख्या 25 हजार है । जिसमें से 1500 के जीएसटी रद्द करने की बात सामने आ रही है । रद्द होने पर ये व्यापारी ई-वे बिल काटने से वंचित हो जायेगे । दरअसल हर माह की 20 तारीख को पिछले माह का लेखा-जौका ( क्रय-विक्रय) दिखाने के साथ टैक्स जमा करना पड़ता है । जिसका ब्योरा 3बी रिटर्न में जमा कराना पड़ता है ।तीन रिटर्न फाइल नहीं करने पर राज्य कर विभाग व्यापारियों को नोटिस जारी कर सकता है। जिसके चलते कुमाऊं के लगभग 1500 व्यापारियों पर विभाग ने कार्रवाई करते हुए रिटर्न जमा नहीं करने पर जीएसटी पंजीयन रद्द कर दिये है । इस से पहले सभी व्यापारियों को राज्य कर विभाग ने नोटिस देकर टैक्स जमा करने का अंतिम अवश्य दिया था पर कुछ ही व्यापारियों ने टैक्स जमा किया । जिसके बाद विभाग ने 1500 व्यापारीयों के उपर कार्रवाई करते हुए जीएसटी पंजीयन रद्द करने का फैसला लिया ।पर अभी भी व्यापारियों को एक मौका मिल सकता है । पंजीयन रद्द होने के एक माह के भीतर व्यापारी पंजीयन को पुनर्जीवित करने के लिए आवेदन कर सकता है। ऐसी स्थिति में व्यापारी को पेनल्टी के साथ रिटर्न दाखिल करना होता है।