हल्द्वानी: राज्य में स्वाइन फ्लू ने सनसनी मचाई हुई है। इसके चलते अब तक उत्तराखण्ड में 16 लोगों की मौत हो गई है। इस लिस्ट में एक विदेशी नागरिक भी है। स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू से निपटने की तमाम कोशिश कर रहा है लेकिन हालात और गंभीर होते जा रहे है। स्वाइन फ्लू ने हल्द्वानी में भी दस्तक दे दी है।
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स्वाइन फ्लू से पीडित मरीजों की संख्या 3 बताई जा रही है। मरीज निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया गया। हल्द्वानी में चिकित्सा सुविधा की बाते केवल कागजों में होती है असल में हालात कुछ और है।
सरकारी हॉस्पिटल में जनरल फिजीशियन के ना होने से लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। हल्द्वानी के सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल और सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू के लिए आइसोलशन वार्ड बनाया गया है लेकिन डॉक्टर्स के ना होने से इलाज नहीं हो पा रहा है। इस मामले में सीएमओ डॉ. भारती राणा का कहना है कि अभी उन्हें अधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
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तीन वर्षों में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वर्ष 2018 में 63, वर्ष 2017 में 14 और वर्ष 2016 में 18 मामले सामने आए थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दावा है कि 63 मामले संदिग्ध थे किसी में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी। वर्ष 2017 में एक मरीज में पुष्टि हुई थी और वर्ष 2016 में एक की मौत हुई थी।
स्वाइन फ्लू का वायरस सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। -यह पहले नाक, गले व फेफड़े को प्रभावित करता है। -जुकाम, खांसी, नाक से पानी आना व बार-बार छींक आने की समस्या होती है। -बुखार, गले में दर्द, सिर में दर्द, पेट में दर्द तथा उल्टी व थकान महसूस होती है।