हल्द्वानी: टीम चीता या सीपीयू, जिस प्रकार से शहर में पुरुष जवान बीते काफ़ी वक्त से गश्त मार कर चप्पे चप्पे पर नज़र बैठाए रहते हैं। प्रशासन द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए दोपहिया वाहनों की मदद से अपनी पूरी ज़िम्मेदारी का पालन करते हैं। ठीक उसी प्रकार से अब पुलिस विभाग की चीता टीम में शामिल महिला जवान भी आपको शहर में गश्त मारती नज़र आएंगी। कोरोना काल में संसाधनों से जूझ रहे पुलिस महकमे की सहायता के लिये आगे आया है हंस फाउंडेशन।
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पुलिस विभाग की मदद करते हुए हंस फाउंडेशन ने पुलिस को सात स्कूटी उपलब्ध करवाई हैं। यह सात स्कूटी महिला पुलिसकर्मियों के इस्तेमाल के लिये मुहैया करवाई गई हैं। ज़रूरत के हिसाब से दोपहिया वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और थाने-चौकी में भी वाहनों को उपलब्ध करवाया जाएगा। ऐसा कई बार होता है कि महिला जवान मौके पर घटनास्थल तक पहुंचने में नाकामयाब रहती हैं। इसका बड़ा कारण यही रहता है कि या तो महिला पुलिसकर्मियों को अपने निजी वाहन से जाना पड़ता है या फ़िर किसी सवारी की राह देखनी पड़ती है। इसी वजह से महिला जवानों को कई बार मौके पर पहुंचने में देर हो जाती है।
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ऐसे में उन मामलों में ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिन मामलों में मौके पर महिला पुलिसकर्मियों का मौजूद होना बहुत अनिवार्य होता है। पुलिस प्रशासन की माने तो सात स्कूटी मंगलवार को कोतवाली पहुंच गई हैं। सीओ शांतनु पराशर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब महिला जवान भी शहर में गश्त करेंगी। महिला पुलिसकर्मियों के गश्त करने का समय दोपहर व देर शाम तक निर्धारित किया गया है।
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