Election Talks

डीडीहाट से चुनाव लड़ेंगे पूर्व CM हरीश रावत! उत्तराखंड बनने के बाद यहां से कभी नहीं जीती कांग्रेस

डीडीहाट: प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तिथि घोषित होने के बाद से ही काउंटडाउन शुरू हो चुका है। उल्टी गिनती गिन रहे सभी नेताओं ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति को पुख्ता करने में लगे हुए हैं। बता दें कि इसी क्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत को लेकर सियासी चर्चा फिर से शुरू हो गई है। हरीश रावत कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसपर अलग अलग तरह की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

हालांकि कांग्रेस नेता हरीश रावत ने खुद की एक बात को साफ कर दी। वो यह कि वह इस बार दो नहीं केवल एक ही सीट से चुनावी मैदान पर उतरेंगे। दरअसल सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस बार वो सिर्फ एक ही सीट से चुनाव लड़ेंगे। ये सीट वो होगी जिस सीट से आलाकमान उन्हें चुनाव लड़ाना चाहेगा। आपको याद होगा कि हरीश रावत ने साल 2017 में गढ़वाल और कुमाऊं की दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार उनकी रणनीति एकदम अलग है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरीश रावत डीडीहाट विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। वर्तमान समय में डीडीहाट विधानसभा सीट से 25 सालों से बीजेपी के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता बिशन सिंह चुफाल विधायक बनते आ रहे हैं। अब माना जा रहा है कि हरीश रावत उनके सामने उतरने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस से डीडीहाट सीट पर सभी दावेदारों को रावत के पक्ष में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस से डीडीहाट सीट पर 7 नेताओं ने अभी तक दावेदारी जताई है। अब अगर हरीश रावत इस सीट से चुनाव लड़ते हैं तो टक्कर दिलचस्प होने वाली है। उत्तराखंड बनने के बाद कांग्रेस को डीडीहाट में कभी भी जीत नसीब नहीं हुई है। कांग्रेस से यहां अंतिम बार 1992 में लीला राम शर्मा ने जीत दर्ज की थी। ये तो कहना लाजमी होगा कि हरीश रावत चुनाव में कांग्रेस के लीडर हैं। कई तबकों का ये मानना है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो हरीश रावत को चाहिए के वह मुख्यमंत्री बनने के लिए पहले विधायक बनें। वरना आगे जाकर दिक्कतें हो सकती हैं। खैर, कुछ दिनों में ही ये साफ हो जाएगा कि वो कौन सी सीट होगी जहां से हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे।

To Top