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हरि शरणम जन हल्द्वानी, भगवान वस्तु के नहीं बल्कि भाव के भूखे हैं

हल्द्वानी: एम बी इण्टर कॉलेज के मैदान में हरि शरणम जन सेवायत द्वारा आयोजित भक्ति महोत्सव में तृतीय दिवस की कथा में विख्यात कथा वाचक, व्यास श्रद्धेय मृदुल कृष्ण शास्त्री जी ने कहा की ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः। श्री मद भागवत के इस श्लोक को प्रतिदिन घर में बोलना चाहिए। पर श्लोक का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु वस्तु के भूखे नही हैं भाव के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि जिनकेंके मुख से भगवत चर्चा हो तो वही संत है।

बिना पोस्ट मैन के ही पहुँचने वाला पत्र हे ‘प्रार्थना’ प्रार्थना एक ऐसी संस्तुति है जो अपने इष्ट के प्रति बिना किसी देरी के बिना किसी के सहारे तत्क्षण परमात्मा के पास पहुँच जाती है। उन्होंने बताया कि संसार की किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिये पोस्टमैन की आवश्यकता पड़ती हैं, लेकिन हृदय से समर्पित की गई प्रार्थना एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो बिना किसी पोस्टमैन के ही तत्क्षण गन्तव्य स्थान तक पहुच जाती है। कथा कम में कपिल देव इति सवांद पर प्रकाश डालते हुए आचार्य श्री ने कहा कि देवहूति जी ने पति कर्दम के वन की ओर चले जाने पर पुत्र कपिल के पास आई और प्रार्थना करते हुए बोली कि हे प्रभु हमें संसार के बंधन से मुक्त होने का मार्ग प्रदान करें। मां देवहूति की प्रार्थना को भगवान कपिल ने तत्क्षण स्वीकार किया और ऐसा उपदेश प्रदान किया कि देवहूति जी संसार सागर से मुक्त होकर सिद्धिरा नाम की नदी के रूप में परणित होकर मुक्त हो गई।

आगे सती चरित्र की उपारूपान आचार्य श्री ने विस्तार से श्रोताओ को श्रवण कराया जिससे कथा प्रांगण का वातावरण शिव मय हो गया। परम भक्त ध्रुव जी के चरित्र पर व्याख्यान देते हुए उन्होने कहा कि मात्र पांच वर्ष की अवस्था में ध्रुव को दर्शन देकर अखण्ड राज्य प्रदान करते हुए उनके लिये ध्रुव लोक का निर्माण
में कर दिया।

आचार्य श्री ने बताया कि प्रभु के दर्शन के लिये व्यक्ति को सत्संग सेवा सुमिरन में हमेशा लीन रहना चाहिये। और अपने को मानव बनाने का प्रयत्न करो तुम यदि इसमें सफल हो गये तो तुम्हे इस कार्य में सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होगी। कुसंगति की अपेक्षा अकेले रहना सबसे उत्तम कार्य है। कथा के शुभारंभ पर संस्था प्रमुख स्वामी रामगोविन्द दास भाई जी के श्री मद्भागवत कथा की आरती की।

कल की कथा में विशेष महोत्सव के रूप में श्री कृष्ण जन्म(नन्दोत्सव) विशेष धूम धाम से
मनाया जायेगा। आप सभी कथा प्रेमी भक्त सपरिवार सादर आमंत्रित है ।
कथा समय प्रतिदिन दोपहार 2.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक है।

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