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चंपावत: हर्षित पाण्डे ने IES परीक्षा उत्तीर्ण कर हासिल किया ऑल इंडिया दूसरा स्थान, दीजिए बधाई


Harshit Pandey IES: Champawat Success Story: All India 2nd Rank:

हर कोई जानता है कि अगर उत्तराखंड के युवा ठान लें तो ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जिसे वो प्राप्त ना कर सकें। आज हम आपको जिला चम्पावत के हर्षित पाण्डे की सफलता के बारे में बताने वाले हैं। 22 वर्षीय हर्षित ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (IES) में ऑल इंडिया दूसरा स्थान प्राप्त कर चम्पावत के साथ पूरे उत्तराखंड का नाम रौशन किया है। हर्षित की यह सफलता दिखाती है कि अगर युवा सही दिशा में आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य को सदा जीवन में पहला स्थान दें तो वो उसे हासिल कर के ही रहते हैं।

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पारिवारिक जानकारी

बता दें कि हर्षित चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र के ग्राम तल्लाकोट के रहने वाले हैं। बचपन से ही अपने माता-पिता व गुरुजनों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ते हुए आज हर्षित ने भगवान के आशीर्वाद से सफलता की पहली सीढ़ी पर कदम रख दिया है। हर्षित के पिता संजीव पाण्डे पूर्व में चंपावत जिले के एसएसए मे समन्वयक रहे हैं व माता मीरा पाण्डे जीजीआईसी लोहाघाट में सेवाएं दे रही हैं। उनके माता-पिता का कहना है की हर्षित बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने कभी लक्ष्य से अपना ध्यान भटकने नहीं दिया बल्कि हर दिन पहले से ज्यादा मेहनत कर के यह सफलता प्राप्त की है।

इस तरह हुई थी शुरूआत

हर्षित पांडे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ओकलैंड पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर कक्षा 6 तक की शिक्षा वहीं से ली। इसके बाद उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई फिर से ओकलैंड लोहाघाट से पूरी की। 12वीं करने के बाद हर्षित ने पंतनगर विश्वविद्यालय से बी.टेक किया। अपनी अथक मेहनत और समर्पण के साथ भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) परीक्षा को पास की और पूरे भारत में दूसरा स्थान भी प्राप्त किया।

मिसाल पेश कर रहे उत्तराखंड के युवा

आज के समय जहां नौकरियों के पीछे पूरी दुनिया भाग रही है ऐसे में उत्तराखंड के युवाओं का लक्ष्य पूरे देश के लिए मिसाल बनता जा रहा है। युवाओं को शिक्षा से लेकर रोजगार तक मिल रहे अवसर, नए भारत का स्वर्णिम अध्याय लिख रहे हैं। देवभूमि के युवा भी पैसों और नौकरी से ज्यादा अपने लक्ष्य और देश के भले के लिए अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं। साथ ही पहाड़ों के परिश्रमी व अनुशासित जीवन में तपे हुए यहां के युवा देश को भी नई दिशा दे रहे हैं।

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