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भारत ने पैरा ओलंपिक में भी रचा इतिहास, दो गोल्ड मेडल के साथ कुल संख्या हुई आठ

भारत ने पैरा ओलंपिक में भी रचा इतिहास, दो गोल्ड मेडल के साथ कुल संख्या हुई आठ

नई दिल्ली: टोक्यो पैरालिंपिक में भारत का सफर शानदार चला जा रहा है। भारत ने आठ कुल पदक जीतने के साथ ही इतिहास रच दिया था। यह एक पैरालिंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। सोमवार का दिन भारत के लिए बेहद ऐतिहासिक रहा। जहां दो गोल्ड भारत ने जीते।

बता दें कि टोक्यो में ओलंपिक के समापन के बाद पैरालंपिक गेम्स खेले जा रहे हैं। भारत अबतक शानदार प्रदर्शन कर रहा है। सोमवार को जहां अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में गोल्ड मेडल जीता वहीं भाला फेंक इवेंट में सुमित अंतिल ने गोल्ड को अपने नाम किया।

गौरतलब है कि राजस्थान की 19 वर्षीय अवनि लेखरा भारत की पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने पैरालिंपिक के स्वर्ण पदक जीता है। 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में अवनि ने स्वर्ण पदक पर निशाना लगाने के दौरान 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की।

वहीं सोनीपत के 23 साल के सुमित अंतिल ने अपने पांचवें प्रयास में नया विश्व रिकार्ड बनाते हुए 68.55 मीटर दूर तक भाला फेंका, जो दिन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। सुमित अंतिल ने भी विश्व रिकॉर्ड के साथ अपने पुराने बेस्ट को पांच बार पीछे छोड़कर गोल्ड मेडल जीत लिया। इस मौके पर ओलंपिक में भाला फेंक खेल में सोना जीत कर आए नीरज चोपड़ा ने भी खुशी जताई।

भाला फेंक की एक अन्य स्पर्धा में भारत ने दो और पदक जीते, जिनमें दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने रजत पदक तो सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। इसके अलावा चक्का फेंक में योगेश कथूनिया भी रजत पदक जीतने में सफल रहे।

एथेंस (2004) और रियो पैरालिंपिक (2016) में स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक की एक अन्य स्पर्धा में 64.35 मीटर के थ्रो के साथ अपना पिछला रिकार्ड तोड़ा, लेकिन उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं, सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर के थ्रो के साथ इसी स्पर्धा का कांस्य पदक जीता।

इसके साथ ही टोक्यो पैरालिंपिक में सोमवार को चक्का फेंक एथलीट योगेश कथूनिया की भी चांदी रही। 24 वर्षीय योगेश ने अपने छठे और आखिरी प्रयास में 44.38 मीटर चक्का फेंककर रजत पदक जीता। फरीदाबाद के सिंहराज ने शूटिंग में रजत पदकर जीता है। इसके साथ ही भारत ने अब आठ मेडल अपने नाम कर लिए हैं।

ओलंपिक में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद पैरालिंपिक में भी भारत अच्छा खेल रहा है। लाजमी है कि भारत में खेल व्यवस्था थोड़ी सी और सुधरी तो बड़े से बड़े देशों को खेलों में भी टक्कर दी जा सकती है। आने वाले समय में भारत के और भी मेडल जीतने के उम्मीद भी इन दो बड़े टूर्नामेंट से बढ़ गई है।

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