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भारतीय सेना ने उठाया जिम्मा, पहाड़ के बच्चों का डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना होगा पूरा

देहरादून: भारतीय सेना और उसके कर्तव्य निभाने की इच्छा का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। एक नहीं बल्कि कई बार सेना द्वारा “सेवा परमो घर्म” के मंत्र को सिद्ध किया गया है। अब भारतीय सेना ने उत्तराखंड के वंचित व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों की जिम्मेदारी लेने का प्रण लिया है।

गुरुवार को गढ़वाल राइफल, सीएसआर पार्टनर इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड और ट्रेनिंग पार्टनर नेशनल इंटीग्रिटी एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन के बीच करार होने वाला है। जिसके बाद उत्तराखंड राज्य के वंचित परिवारों के बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा के लिए सेना तैयार करेगी।

भारतीय सेना उत्तराखंड के जरूरतमंद 50-50 बच्चों को नीट व जेईई की तैयारी कराएगी। सेवारत व सेवानिवृत्त सैनिक के बच्चों को वरियता दी जाएगी। जानकारी के अनुसार दून स्थित वार मेमोरियल ब्वायज व गर्ल्स होस्टल में आवासीय कोचिंग की सुविधा बच्चों को प्रदान की जाएगी। जहां पर उनके व्यक्तित्व का भी विकास किया जाएगा।

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