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उत्तराखंड सरकार में कार्यरत राधिका झा की प्रेरणादायक कहानी, प्राइवेट नौकरी छोड़ बनी IAS

Radhika Jha IAS story:- कहा जाता है कि जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, वो पूरी दुनिया जीत सकते हैं। ऐसी ही विश्वास और हौसलें की कहानी है उत्तराखंड की आईएएस अफसर राधिका झा की। राधिका झा एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने अपने आईएस के सपने को पूरा करने के लिए अपना अच्छा खासा करियर और नौकरी तक छोड़ दी। दिन-रात की मेहनत और लगन ने आखिरकार राधिका को उन के सपने से मिलवा ही दिया।

राधिका झा 2002 बैच की उत्तराखंड कैडर की आईएएस अफसर हैं। राधिका पढ़ाई में हमेशा से ही उत्कृष्ट रही थी। अपनी मेहनत से वह हमेशा अच्छे नंबरों से पास होती आई थी। उनकी इस ही मेहनत के कारण उन्हें स्नातक के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज लेडी श्री राम कॉलेज में दाखिला भी मिला था। राधिका झा ने फिर इस कॉलेज से मनोविज्ञान में बेचलर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही इंडस्ट्रियल एंड ऑर्गनाइजेशनल साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन भी पूरी की।

पढ़ाई खत्म होते ही राधिका को टीएएस अधिकारी के रूप में टाटा समूह में नौकरी मिली जहां उन्होंने लगभग डेढ़ साल काम किया। तकरीबन 1.4 साल तक इस क्षेत्र और कंपनी में काम करने के बाद भी राधिका का मन इस नौकरी में नहीं लगा। तब उन्होंने नौकरी छोड़, सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया। एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छे पद पर नियुक्त किसी भी व्यक्ति के लिए ये फैसला इतना आसान नहीं होता पर राधिका झां का हौसला और भरोसा किसी और ही आसमान पर था। अपनी मेहनत पर पूर्ण विश्वास कर राधिका सफर के लिए तैयार हो गई और यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। उनकी मेहनत का उन्हें सफल परिणाम मिला। ऑल इंडिया रैंक 15 ला कर परीक्षा क्लियर करने वाली राधिका आखिरकार आईएएस बन ही गईं।

राधिका झा ने पिछले साल यूनाइटेड किंगडम की प्रतिष्ठित Chevening Scholarship भी हासिल की है। ये स्कॉलरशिप यूके सरकार की ओर से दुनियाभर के मेधावी प्रोफेशनल्स को वहां पर पढ़ाई करने के लिए दी जाती है। इसके बाद राधिका को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पब्लिक पॉलिसी से मास्टर्स की उपाधि भी मिली।

एक आईएएस के तौर पर भी उनका सफर काफी शानदार रहा है। वो हर परिस्थिति में ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारियां पूरी करती नजर आई। इस कारण उनका अब तक का कार्यकाल शानदार रहा है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। कई विभागों में वह सचिव का पद संभाल चुकी हैं। उनकी इस ही मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्हें साल 2020 में बेहतरीन काम के लिए राज्य स्तर का ‘एक्सीलेंस इन गुड गवर्नेंस’ अवॉर्ड भी दिया गया था। बता दिया जाए कि राधिका झा वर्तमान में सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, निवेश आयुक्त, हैं। वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहती हैं।

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