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नैनीताल पहुंचने वालों को मिलेगी झील की सारी जानकारी, LED स्क्रीन का संचालन शुरू


Pc : Dainik Jagran

हल्द्वानी: उत्तराखंड की मुख्य धरोहर है सरोवर नगरी नैनीताल और नैनीताल की मुख्य धरोहर है नैनी झील। यहां आने वाले पर्यटक कहीं घूमे ना घूमे, झील में बोटिंग करते या झील किनारे फोटो खिंचवाते ज़रूर नज़र आते हैं। सरकार की तरफ से कई समय से यह तैयारियां चल रही थी कि यहां आने वाले लोगों को झील की गुणवत्ता का पता चलता रहे।

इसी के लिए बनाई गई लेक मॉनिटरिंग सिस्टम परियोजना के माध्यम से नैनीताल में एलईडी स्क्रीन का संचालन शुरू हो चुका है। यह स्क्रीन तल्लीताल डांठ पर लगाई गई है। अब इस जगह से गुज़रते स्थानीय लोग व पर्यटक झील के पानी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा झील की नियमित साफ सफाई को ले कर भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर भी ज़िम्मेदारी बढ़ेगी। बता दें कि यह पूरा सिस्टम यूएनडीपी की मदद से करीब एक करोड़ की लागत से बना कर तैयार किया गया है।

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आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से इस योजना की तैयारियां चल रही थी। पिछले साल ही जिला प्रशासन द्वारा नैनी झील की आंतरिक संरचना जानने हेतु वैज्ञानिकों से सर्वे कराया गया था। जिसके खातिर ही झील के अंदरूनी संरचना (structure), पानी की गुणवत्ता (quality) के साथ साथ और भी काफी जानकारी जुटाई गई थी। इसके बाद एक रिपोर्ट बनी थी, जिसके आधार पर ही झील में रियल मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए प्रस्ताव बना कर यूएनडीपी को भेजा गया था।

प्रस्ताव पारित होने के बाद इससे संबंधित कार्यों के लिए तकरीबन एक करोड़ का बजट जारी हुआ था। जिसकी मदद से प्रशासन ने वसार लैब के साथ मिल कर अक्टूबर में ही इस सिस्टम को स्थापित करने की तैयारियां शुरू कर दी थी। जिसके तहत झील में दो सेंसर, डांठ पर एक एलईडी स्क्रीन स्थापित की गई।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 26 अक्टूबर को इस परियोजना का लोकार्पण कर दिया था। इसके साथ ही इसे सिंचाई विभाग को भी हस्तांतरित कर दिया गया था। लेकिन कुछ कमियों की वजह से इसका नयमित तौर पर संचालन नहीं हो सका। कमियां यानी गुणवत्ता मापने वाले सेंसर में कुछ तकनीकी खराबी थी और स्टाफ भी प्रशिक्षित नहीं था। इसके अलावा तल्लीताल डांठ पर स्थापित एलईडी स्क्रीन पर भी पानी की गुणवत्ता संबंधी डाटा डिस्प्ले नहीं किया जा रहा था।

लेकिन अब वसार लैब से कुछ तकनीकी कर्मी आए हैं, जिसके बाद से ही खामियों पर काम किया गया। अब सेंसर की खराबी को सही कर प्रोजेक्ट का संचालन शुरू कर दिया गया है। साथ ही डांठ पर लगी एलईडी पर पानी की गुणवत्ता का डाटा भी नियमित तौर पर दर्शाया जा रहा है।

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