हल्द्वानी: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के जिप्सी चालक और यहां आने वाले पर्यटक अब वन्यजीवों को ज़रा भी परेशान नहीं कर पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्क के प्रशासन ने रजिस्टर्ड सभी जिप्सियों पर जीपीएस (GPS) लगाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि हाल में कई वायरल वीडियो में जिप्सियों को जानवरों के बहुत नज़दीक या उनका रास्ता रोके देखा गया था। ऐसे में अब अगर कोई जानबूझकर ऐसा करता है तो, जिप्सी चालक पर एक्शन लिया जाएगा।
रामनगर के कॉर्बेट नेशनल पार्क में 250 से अधिक पंजीकृत जिप्सियां हैं। जिप्सी चालक पर्यटकों को लुभाने के लिए गाड़ी को दीवों के करीब ले जाया करते थे। इस कारण या तो वन्यजीव अपना रास्ता बदल लेते थे या तो जिप्सियों पर आक्रमण कर देते थे।
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इस दौरान कई बार सैलानियों द्वारा वीडियो भी वायरल की गई। जिस पर कॉर्बेट प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए सभी पंजीकृत जिप्सियों में जीपीएस लगाने का फैसला लिया है। इससे वन्यजीवों के पास जाने वाली जिप्सियों के बारे में कॉर्बेट प्रशासन को पता चल जाएगा। ऐसा होने से लापरवाही करने वालों को दंडित करने में आसानी होगी।
एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कॉर्बेट में पर्यटक पांच सौ मीटर दूर से बाघों को देख सकते हैं। नियम यह भी है कि इससे आगे अगर कोई गया तो उसपर कार्रवाई होगी। अब जीपीएस लगने से वन्यजीवों और प्रबंधन के लिए फायदा हो जाएगा।
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जिप्सी पर जीपीएस लगते ही कॉर्बेट प्रशासन जिप्सी की लोकेशन को ट्रेस कर सकेगा। कॉर्बेट के जोनों के अंदर कोई भी जिप्सी चालक जानबूझकर वन्यजीव के पास जाता है तो उसका पता वनकर्मियों को चल जाएगा। इसके बाद कॉर्बेट प्रशासन आरोपी जिप्सी चालक व जिप्सी पर कार्रवाई करेगा।
कॉर्बेट नेश्नल पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि सभी 250 गाड़ियों पर जीपीएस लगेगा। जिसके मदद से हरेक की लोकेशन पर नज़र रखी जाएगी। अगर कोई जिप्सी चालक जिप्सी को वन्यजीव के पास ले जाता है तो आरोपी चालक पर कॉर्बेट प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई करेगा।
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