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100 करोड़ रुपए से साफ होगा नैनीताल…देश में पहली बार ऑनलाइन सिस्टम से होगा काम

100 करोड़ रुपए से साफ होगा नैनीताल...देश में पहली बार ऑनलाइन सिस्टम से होगा काम

नैनीताल: सरोवर नगरी पर्यटकों को आकर्षित जरूर करती है। मगर साफ सफाई एक ऐसा पहलु है, जहां नैनीताल (Nainital) जरा पीछे रह जाता है। चाहे वह गंदगी बाहर से दिखने वाली हो या सीवर वाली, गंदगी तो गंदगी है। मगर अब इस गंदगी से निजात मिलने वाली है। एडीबी द्वारा सौ करोड़ के प्रोजेक्ट (ADB 100 crores project) का रास्ता साफ हो गया है।

चुनाव से पहले प्रदेश सरकार की ओर से नैनीताल को बड़ा तोहफा मिला है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) की ओर से नैनीताल के लिए सौ करोड़ रुपए का सीवरेज प्रोजेक्ट (Sewerage project) तैयार किया गया है। गौरतलब है कि नैनीताल में सीवर लाइन (sewer lines) दशकों पुरानी हो गई हैं। इनमें भी करीब आधी तो 70 के दशक की हैं।

पुरानी लाइन होने की वजह से हर रोज सीवर चोक होने से लेकर फटने की शिकायत आती हैं। जिससे काफी सारी मुश्किलें पैदा होती हैं। अब बारिश होती है तो सीवर ओवरफ्लो (Sewer overflow) होता है। झील तक प्रदुषित हो जाती है। दूसरी तरफ तीन साल पहले ग्रीन ट्रिब्यूनल (Green tribunal) के आदेश ने खासकर माल रोड के कारोबारियों को परेशान कर दिया।

आदेश यह था कि 20 या 20 से अधिक के कमरे या अपार्टमेंट वाले होटल, रिसोट्स को अपने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (sever treatment plant) लगाने होंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी पांच साल पहले यही आदेश जारी किए थे। मगर अब टेंशन की कोई बात नहीं है। एडीबी के प्रोजेक्ट से ये दिक्कत नहीं होगी। अब होटल कारोबारियों (Hotel businessmen) को निजी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की बाध्यता खत्म हो जाएगी।

बता दें कि एडीबी के इस प्रोजेक्ट में साफ सफाई के साथ एक और चीज बेहद खास है। वो यह कि इसके तहत नैनीताल में देश का पहला मेंटिनेंस व मैनेजमेंट सिस्टम (India’s first maintenance and management system) लगाया जाएगा, जो ऑनलाइन संचालित होगा। शहर चार हिस्सों में बांटा जाएगा। इस हिसाब से काम होगा। रूसी गांव में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा।

गौरतलब बै कि इस प्रोजेक्ट से हल्द्वानी गौला नदी (Haldwani gaula river) पर होने वाले प्रदुषण में भी लाभ मिलेगा। बहरहाल जल संस्थान (Water department) के सहायक अभियंता दलीप बिष्ट भी इस बात को मानते है कि पुरानी सीवर लाइन के चेंबर खराब हो चुके हैं। मोहल्लों में भी सीवर के पाइप जर्जर हो चुके हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रोजेक्ट के जमीन पर उतरने में और कितना वक्त लगता है।

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