नई दिल्ली: किस्मत आप खुद बनाते हैं, जो नहीं बना पाते हैं वह कहते है कि ये तो ऊपर वाले की देन है। ईश्वर आपकों रास्ता दिखा सकता है लेकिन उस पर सफर खुद तय करना पड़ता है। राजस्थान हनुमानगढ़ जिले के भैरूसरी गांव की तीन बहनों ने कुछ ऐसा ही काम कर दिखाया है। बेटियों की कामयाबी ने किसान पिता को पूरे देश में पहचान दे दी है। भैरूसरी गांव की तीनों बेटियां प्रशासनिक अधिकारी बन गई है। उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा उत्तीर्ण की है। दो दिन पूर्व ही परीक्षा के नतीजे घोषित हुए हैं।
बता दें कि सुमन, अंशु और रितु सहारण ने साल, 2018 में आरएएस परीक्षा दी थी। तीनों में अंशु ने ओबीसी गर्ल्स में 31, श्रृतु ने 96 और सुमन ने 98वीं रैंक हासिल की। उनकी कामयाबी के चर्चे पूरे जिले में हो रहे हैं। बड़े बुजुर्गों का कहना है कि तीनों ने गांव की अगली पीढ़ियों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, इनकी कहानी सभी को प्रेरित करेंगी।
पिता सहदेव सहारण और मां मीरा खेती करते हैं। उनकी पांच बेटियां हैं। तीन बेटियों से पहले दो बड़ी बेटियां भी सरकारी ऑफिसर हैं। एक रोमा विकास अधिकारी है, वहीं दूसरी मंजू सहकारिता विभाग में इंस्पेक्टर है। बेटियां अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता को देती हैं। उनका कहना है कि हमारे अभिभावकों ने हमें कभी कम नहीं समझा। पढ़ाई से लेकर करियर बनाने के लिए पूरी छूट मिली और तभी हम कामयाब हुए हैं। वहीं सहदेव सहारण का कहना है कि वह खुशनसीब है कि उन्हें ईश्वर ने बेटियां दी हैं।
सहदेव सहारण कहते हैं कि जो लोग आज बेटियों की तारीफ कर रहे हैं, उन्ही में से कई लोग उनके आगे बढ़ने पर सवाल उठाते थे। हमने बेटियों को कभी बोझ नहीं समझा, बल्कि उन्हे हीरे की तरह निखारा। उनकी हर बात पर ध्यान दिया। मेरी बेटियों ने हमारी परिश्रम को कामयाबी तक पहुंचाया, इसे ज्यादा माता-पिता को कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि तीनों ने गांव के सरकारी स्कूल में एक साथ पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की। उसके बाद अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की। तीनों बहनों का कहना है कि अब हम समाज की सेवा करने के साथ ही बालिका शिक्षा पर विशेष जोर देंगे। उन्होंने कहा कि माता-पिता के अलावा दोनों बड़ी बहने ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दिया।