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सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को मिलेगा कैशलैस इलाज,जानें सरकार का पूरा प्लान

देहरादून: दिन पर दिन हो रही सड़क दुर्घटना में सैंकडों लोगों की मौत हो जाती है या वे गंभीर रूप से घायल हो जाते है। कई बार समय पर इलाज ना मिलने की वजह से वही लोग अपाहिज तक हो जाते हैं। अपनी पूरी जिंदगी उन्हें किसी के सहारे गुजारनी पड़ती हैं। राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर आए दिन होने वाले सड़क हादसों के गंभीर घायलों को पैसों के आभाव में इलाज के लिए भटकना ना पडे़ इस के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग ने एक पहल शुरू कर दी है। मंत्रालय कैशलेस इलाज के मसौदे की तैयारी में जुट गया है। मंत्रालय मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड पर भी विचार कर रही है ।

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गहराई से विचार कर सरकार इन योजनओं को धरातल पर उतारने के लिए परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड , उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और छत्तीसगड़ के सभी आरटीओ की वर्चुअल बैठक भी बुलाई है, जिसमें परिवहन विभाग के अधिकारीयों के साथ वार्ता कर इस फैसले को अंतिम रूप दिया जाएगा। परिवहन विभाग के द्वारा मिले इन दो सालों के आंकड़ो को देखते हुए बात की जाए तो वर्ष 2020 में अक्टूबर तक राज्य में 796 सड़क हादसे हुए जिसमें 519 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

वहीं 629 लोग घायल हो गए हालांकि 2019 के मुकाबले 2020 में कम हादसे हुए, लेकिन कई बार सड़क हादसे के घायलों को पैसे के अभाव में इलाज की उच्च स्तरीय सुविधाएं नहीं मिल पाती। ऐसे में गंभीर घायलों को जिन्दगी से भी हाथ धोना पड़ता है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय स्कीम फॉर कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडे़ट विक्टिम्स योजना पर काम कर कहा है ।

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अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में एसी कुछ योजनाएं जनता के हित के लिए बनाई जाएंगी। इसी के साथ आरटीओ ने बताया की मौजूदा तैयारी करने के लिए मंत्रालय ने पहले चरण में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और छत्तीसगड़ के परिवहन अधिकारीयों की वर्चुवल बैठक बुलाई है। बैठक में बीआईएम गुणवत्ता वाले हेलमेट हिट एंड रन एक्सीडेंट को रोकने को लेकर उठाए जाए कदमों पर विचार किया जाएगा जिसके साथ अन्य योजनाओं को भी लाया जाएगा।

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