प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में विशेष आर्थिक पैकेज का एलान किया। यह पैकेज भारत की GDP का 10% करीब 20 लाख करोड़ रुपये का है। यह पैकेज कुटीर, गृह उद्दोग व लघु उद्योग (MSME) को सहारा देने लिए है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया की इस पैकेज में सभी तबके लिए महत्वपूर्ण ऐलान किया जाएगा। इस पैकेज के सभी पहलू को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से अगले कुछ दिनों तक देश के सामने रखेंगी।
प्रधानमंत्री ने देश को आगे बढ़ने के लिये ‘साहिसक’ सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘ये सुधार खेती से जुड़ी पूरी आपूर्ति श्रृंखला, कर प्रणाली को युक्तिसंगत बनाने, नियम-कानून को सरल और स्पष्ट बनाने, बुनियादी ढांचा को गति देने और निवेश को प्रोत्साहित करने वाले होंगे….’’ उन्होंने कहा कि देश का लक्ष्य आत्म निर्भर बनना है और उन्होंने इसके लिए अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा को महत्वूपर्ण बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता पांच स्तंभों पर आधारित होगी। इसमें उन्होंने -अर्थव्यवस्था की ऊंची छलांग, बेहतर बुनियादी ढांचा, 21वीं सदी का प्रौद्योगिकी आधारित नया शासन तंत्र, गतिशील जनसांख्यकीय और अर्थव्यवस्था की मजबूत मांग एवं आपूर्ति श्रृंखला का जिक्र किया। स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से ‘लोकल पर वोकल बनने’ यानी स्थानीय उत्पादों को महत्व देने और उनकी मांग बढ़ाने के साथ ही उनका प्रचार करने पर भी जोर दिया।
सरकार द्वारा एक अच्छा और जरुरी क़दम है ये क्योंकि लॉकडाउन के दौरान कई इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान पंहुचा है। इस आर्थिक पैकेज से करोड़ो लोगों की नौकरी बचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन 4.0 की भी बात की और कहां कि लॉकडाउन 4.0 बाकी लॉकडाउन से अलग होगा और इससे जुड़ी सभी जानकारियां 18 मई से पहले दी जाएगी।
प्रधानमंत्री के संदेश से साफ़ है अब सरकार आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी लाने की कोशिश कर रही है। ये बहुत जरुरी भी है क्योंकि हम 130 करोड़ की आबादी को हमेशा के लिए बंद नहीं कर सकते है। सरकार के रुख़ से है कि अब लोगों को इस वायरस के साथ ही जीना होगा जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाता है अपने काम पर भी लौटना होगा। सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा की सभी जरुरतमंदो तक इस आर्थिक पैकेज का फ़ायदा पहुंचे और अब सरकार की यह सबसे बड़ी चुनौती भी है।