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नैनीताल नहीं ऊधमसिंहनगर जिले को मिला कुमाऊं का AIIMS, केंद्र से मिली मंजूरी

नैनीताल नहीं ऊधमसिंहनगर जिले को मिला कुमाऊं का AIIMS, केंद्र से मिली मंजूरी

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में मरीजों का सबसे अधिक भार हल्द्वानी पर आ पड़ता है। सुशीला तिवारी अस्पताल में आए दिन पहाड़ के मरीज उपचार के लिए आते हैं। पहाड़ के लोगों को और भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लंबे समय से एम्स की मांग की जा रही थी। सीएम धामी की सक्रियता के कारण अब कुमाऊं को एम्स मिलने वाला है। लेकिन इसे नैनीताल नहीं बल्कि ऊधमसिंहनगर जिले में बनाया जाएगा।

गौरतलब है कि सबसे पहले साल 2018 में राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कुमाऊं में एम्स ऋषिकेश का अतिरिक्त परिसर बनाए जाने का मुद्दा उठाया था। तब उन्होंने पीएम को पत्र लिखा था। अब सीएम ने प्रस्ताव भेजकर एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट सेंटर स्वीकृत भी करा लिया है। यह कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धि है।

हालांकि पहले तक माना जा रहा था कि इसे हल्द्वानी के निकट रानीबाग, अल्मोड़ा या अन्य स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है। लेकिन किच्छा विधायक शुक्ला को इस कड़ी में सफलता मिली है। दरअसल उन्होंने किच्छा स्थित प्राग फार्म में करीब 200 एकड़ जमीन का प्रस्ताव विधायक शुक्ला ने करीब दो माह पहले भेजा था। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कुमाऊं के लिए एम्स की मांग पीएम से की थी।

बाद में पीएम ने प्रस्ताव मांगा था। गौरतलब है कि अब केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया है कि केंद्र सरकार ने कुमाऊं में एम्स का सेटेलाइट सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि किच्छा में 300 बेड के सुपरस्पेशलिटी सेटेलाइट सेंटर से चिकित्सा सुविधाएं बेहतर हो सकेंगी। गौरतलब है कि एम्स को कुमाऊं में लाने के लिए सीएम धामी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता है। लेकिन जिस एम्स के कयास नैनीताल जिले को थे वो अब ऊधमसिंहनगर जिले में स्थापित होगा।

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