हल्द्वानी: जिस तरह से ज़माना मॉडर्न होता चला जा रहा है उसी तरह अब अपराध के तरीके भी काफी एडवांस होते जा रहे हैं। एडवांस का मतलब ऑनलाइन, लोगों के ऑनलाइन होने के साथ साथ अब अपराध भी ऑनलाइन होने लगे हैं। आए दिन बैंकों के नाम पर लोगों को ऑनलाइन ठगा जा रहा है। उत्तराखंड के भीतर पिछले कुछ ही समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद सभी बैंक सक्रिय हो गई हैं और इन ऑनलाइन ठगों से बचने के लिये लगातार लोगों को फोन या मैसेज के ज़रिये सतर्क कर रही हैं। मगर लोग फिर भी कहीं ना कहीं छोटी बड़ी चूक कर अपना नुकसान करा रहे हैं।
हाल ही में रामनगर क्षेत्र में भी एक ऐसी ही घटना ने अंजाम लिया है। दरअसल इलाके में एक युवक को पिज़्ज़ा ऑर्डर करना खासा महंगा साबित हुआ। युवक ने अपने घर से महज़ 60 मीटर की दूरी से पिज़्ज़ा तो मंगवाया मगर उसके हाथ पिज़्ज़ा भी नहीं लगा और बैंक से 10,000 रुपये भी नकल गए। ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार व्यक्ति जब पुलिस के पास मदद के लिये पहुंचा तो पुलिस भी उसकी सहायता के लिये आगे नहीं आ सकी।
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ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार विनय वर्मा रामनगर के मोहल्ला टेड़ा रोड का निवासी है। अहम बात यह है कि विनय वर्मा को ऑनलाइन ठगों ने बेहद शातिर तरीके से अपने जाल में फंसाया। जानकारी के अनुसार हाल ही में फ्रॉड का शिकार हुए युवक ने अपने घर पर ऑनलाइन माध्यम से पिज़्ज़ा मंगवाया था। दरअसल युवक ने पिज़्ज़ा ऑर्डर करने के लिये पहले गूगल पर आस पास में बसी पिज़्ज़ा की दुकानों को खोजा जिसके बाद उसने अपने घर से महज़ 60 मीटर की दूरी पर एक दुकान में ऑर्डर करने के लिये फोन लगाया। फोन उठाने वाले ने पिज़्ज़ा की कीमत 90 रुपये बताई और यह भी कहा कि डिलिवरी सुनिश्चित कराने हेतु युवक को उसके बैंक अकाउंट में 5 रुपये का शुल्क जमा कराना होगा। जिसके बाद पिज़्ज़ा सीधा उसके घर के दरवाज़े पर आ पहुंचेगा।
ज़्यादा देर ना करते हुए पीड़ित ने अपने एटीएम कार्ड से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी फोन पर जुड़े व्यक्ति से साझा कर दी। उसके बाद युवक पिज़्ज़ा के इंतज़ार में बैठा रहा। इंतज़ार करते करते उसके पास पिज़्ज़ा आने के बजाय एक मैसेज पहुंच गया जिसमें लिखा था कि “आपके बैंक अकाउंट से 10,000 रुपयों की राशि निकाल ली गई है”। और इसी तरह युवक ऑनलाइन ठगों का शिकार हो गया।
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ठगी का पता लगते ही युवक के होश उड़ गए और उसने अफरा तफरी में सबसे पहले बैंक मैनेजर को सभी जानकारी से अवगत कराया जिसके बाद वह जल्दबाज़ी में क्षेत्र की कोतवाली भी गया। कोतवाली पहुंच कर उसने पूरे घटनाक्रम को एसएसआई जयपाल चौहान के सामने रखा मगर पुलिस ने भी अपने हाथ खड़े कर लिये। पुलिस ने कहा कि इस मामले में वे युवक की कोई मदद नहीं कर सकती।
बता दें कि ऐसे मामलों में पैसे वापिस मिलना नामुमकिन ही होता है। मगर फिर भी परेशान युवक ने पुलिस के सामने मदद की गुहार लगाई जिसके बाद पुलिस ने युवक को भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह देते हुए घर भेज दिया। ऑनलाइन फ्रॉड के मामले देश में और खास कर हमारे प्रदेश में बढ़ते ही चले जा रहे हैं। लोगों को ऐसे ऑनलाइन ठगी गिरोह से सावधान रहने की सख्त ज़रूरत है।
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