हरिद्वार: इस वक्त पूरा भारत देश बड़े ही नाजुक दौर से गुज़र रहा है। कोरोना महामारी से हाहाकार मची हुई है। लोग बिछड़ रहे हैं। चीख पुकार रहे हैं। मगर ऐसे वक्त में भी गोरखधंधा करने वालों को चैन नहीं है। उत्तराखंड में तीन जगहों पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। जिसे अब उत्तराखंड पुलिस की मदद से दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने खोज निकाला।
एक गिरोह इस मुश्किल वक्त में भी पैसों को जिंदगी से ऊपर रखकर धंधा संचालित कर रहा था। दरअसल हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अवैध फैक्ट्रियो में धड़ल्ले से नकली रेमडेसिविर का उत्पादन हो रहा था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के इन शहरों में छापा मारा गया है। शुक्रवार को उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में गिरोह के पांच लोग कोटद्वार से पकड़े गए हैं।
Uttarakhand: Delhi Police Crime Branch conducted raids in Haridwar, Roorkee & Kotdwar and busted an illegal factory being used for manufacturing fake Remdesivir injections. 5 people, including the kingpin, arrested. They used to sell the injections at Rs 25,000 per piece. pic.twitter.com/feXVZrLM3w
— ANI (@ANI) April 30, 2021
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बता दें कि आरोपियों के पास से रेमडेसिविर के 196 नकली इंजेक्शन बरामद किए हैं। वहीं तीन हजार खाली वायल्स भी पुलिस को मिली है। एक इंजेक्शन की कीमत करीब 25 हज़ार रुपए निर्धारित की हुई थी। आरोपियों ने पूछताछ में उगला है कि वे अभी तक कोरोना मरीजों को दो हज़ार से भी अधिक रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं।
कोटद्वार सीओ अनिल जोशी ने बताया कि मौके पर पूछताछ में पता चला है कि नकली रेमडेसिविर बनाने वाले लोगों ने फैक्टरी किराये पर ली थी। टीमें लगातार चेकिंग में लगी हुई हैं। नकली दवाईयों के गोरखधंधे जगह जगह से सामने आ रहे हैं। बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में मेरठ पुलिस ने शुभकामना नर्सिंग होम के नर्सिंग स्टाफ, एक लैब टेक्नीशियन और नीट के छात्र को गिरफ्तार किया था।
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