नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के नेता खुद पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं। आपसी मतभेद सामने आ जाते हैं और फिर विरोधियों को निशाना साधने का मौका मिल जाता है। सचिन पायलट का अनशन कांग्रेस के लिए नया सिर दर्द लाया। चुनावी साल में सचिन पायलट ने भाजपा की तत्कालीन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला तो विरोधियों ने इसे आपसी मतभेद से जोड़ दिया। फिर क्या था और मामला दिल्ली पहुंच गया। ये भी बताया जा रहा है कि पायलट को अनशन नहीं करने को कहा गया था लेकिन फिर भी वह अनशन पर बैठे।
अब राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं। वह राजस्थान में संगठन और सरकार के दो नेताओं के बीच चल रहे गतिरोध की आधिकारिक जानकारी पार्टी को देंगे। इस संबंध में रंधावा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। रंधावा सचिन पायलट से नाखुश हैं, क्योंकि उन्होंने पायलट को राज्य में मंगलवार को अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठने से मना किया था लेकिन पायलट ने बात नहीं सुनी। अब ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक फैसला लिया जा सकता है।