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सिडकुल HP कंपनी के कर्मियों ने हल्द्वानी में किया प्रदर्शन, कहा ऐसे तो हम सड़क पर आ जाएंगे

रुद्रपुर: सिडकुल में स्थित एचपी कंपनी के कर्मचारियों में तब से हड़कंप मचा हुआ है, जब से कंपनी प्रबंधन ने यहां की कंपनी को बंद करने की बात कही है। कथित तौर पर आगामी 31 अक्टूबर से कंपनी का सिडकुल स्थित प्लांट बंद हो जाने से कर्मचारियों पर आर्थिक संकट आ जाएगा। इसी क्रम में कर्मचारीगण सीएम से लेकर शीर्ष नेताओं से मिलकर समाधान निकालने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। साथ ही धरना भी दिया जा रहा है। हल्द्वानी में अभी प्रदर्शन किया गया।

दरअसल सिडकुल की सेक्टर-5 स्थित अमेरिका की प्रख्यात एचपी कंपनी के कर्मचारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं। गौरतलब है कि बीते डेढ़ सालों से कंपनी इस प्लांट से कई लोगों को निकाल चुकी है। कर्मचारियों का कहना है कि चेन्नई में बीते साल एक प्लांट स्थापित करने के बाद कंपनी इस तरह की हरकत कर रही है।

कर्मचारियों की मानें तो करीब डेढ़ साल पहले उन्हें बताया गया था कि एचपी कंपनी ने चेन्नई में एक प्लांट स्थापित किया है। जिसका मुख्य काम सिर्फ प्रिंटर बनाना होगा। मगर धीरे धीरे प्रबंधन का खास फोकस ही चेन्नई स्थित प्लांट की तरफ हो गया। जिसके कारण सिडकुल के कर्मचारियों की अनदेखी शुरू कर दी गई।

धरने पर बैठे कर्मियों का कहना है कि उन्हें पिछले साल से ही अनियमित तरह से बुलाया जा रहा है। कभी एक दिन छुट्टी कर दूसरे दिन बुलाया जाता है या फिर कभी महीनों के लिए छुट्टी कर दी जाती है। साथ ही कंपनी धीरे धीरे वर्करों को भी कम करने में लगी रही। जबकि प्रबंधन से पूछने पर उन्होंने ज्यादा कर्मियों की जरूरत ना होने की बात कही।

बताया कि प्रबंधन ने कर्मचारियों की संख्या को घटाते घटाते 190 के आसपास पहुंचा दिया है। जो लोग पहले निकाले गए हैं और जो कंपनी बंद होने के बाद खाली हो जाएंगे, उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि कर्मियों को राहत पैकेज दिया जाएगा। मगर कर्मियों का कहना है कि जब कंपनी प्रॉफिट में है और हम अच्छा काम कर रहे हैं, तो इसे बंद करने की जरूरत ही क्यों है। ऐसा हुआ तो हम तो सड़क पर आ जाएंगे।

कर्मचारियों ने सीएम धामी से लेकर कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। जिसमें उन्हें आश्वासन भी दिया गया है। बताया कि सीएम की तरफ से कंपनी में बात भी की गई। मगर इसका परिणाम अभी तक सामने नहीं आया है। गौरतलब है कि आर्थिक स्थिति के हिसाब से कर्मियों के आगे बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। उनका कहना है कि कंपनी एक साल की सैलेरी देने की बात कर रही है। क्या एक साल की सैलेरी में किसी का घर चल सकता है। युवा अवस्था में हमने कंपनी ज्वाइन की थी लेकिन अब 14 साल बाद अधिकतर लोग 40 वर्ष के आसपास हैं। इस उम्र में कोई नई कंपनी पुरानी वेतन में कर्मचारियों को नहीं रखती है तो हम क्या करें। कर्मचारियों की मानें तो अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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