हल्द्वानी: प्रदेश में आपको जल्दी ही सी-प्लेन उड़ान भरते दिख सकते हैं। जी हां, गुजरात की तरह ही अब टिहरी और श्रीनगर (उत्तराखंड) की झील पर भी सी-प्लेन सेवा शुरू करने की बात आगे बढ़ती दिख रही है। जहाजरानी और जल मंत्रालय के तहत सागरमाला डेवेलपमेंट कंपनी लिमिटेड (SDCL) ने इसके लिए इच्छुक कंपनियों को आमंत्रित किया है। साथ ही इच्छुक परिचालकों से 22 जनवरी 2021 तक महत्वाकांक्षी परियोजना पर प्रतिक्रिया मांगी गई है।
हाल ही में देश की पहली सी-प्लेन सेवा की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा की गई थी। यह सी-प्लेन सेवा गुजरात में साबरमती रिवर फ्रंट से केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक है। इसके अलावा अब अन्य जगहों में भी इसी तरह की सेवाएं शुरू करने का प्लान बनाया जा रहा है। योजना के मुताबिक दिल्ली को सी-प्लेन सर्विस के लिए एक सेंटर बनाने का सुझाव दिया गया है जिसका काम यूपी, उत्तराखंड और चंडीगढ़ को तीन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जोड़ने का होगा।
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इसके अलावा सी-प्लेन सेवाओं की योजना की बात यमुना रिवरफ्रंट दिल्ली से कई शहरों को जोड़ने के लिए की जा रही है। जिसमें दिल्ली से अयोध्या, टिहरी, श्रीनगर (उत्तराखंड) और चंडीगढ़, मुंबई से शिरडी, लोनावाला और गणपतिपुले, सूरत से द्वारका, मांडवी और कांडला के अलावा अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप समूह को जोड़ने की बात जारी है। सागरमाला डेवेलपमेंट कंपनी लिमिटेड (SDCL) ने इसके लिए कंपनियों से ईओआई भी मांगा है।
इसी योजना में उत्तराखंड के टिहरी और श्रीनगर को शामिल किए जाने पर चर्चा चल रही है। अगर चर्चा सकारात्मक रही तो यहां उड़ान योजना के माध्यम से सी-प्लेन सेवा शुरू की जाएगी। जानकारी के अनुसार टिहरी और श्रीनगर से अन्य स्थानों के लिए सी-प्लेन का संचालन किया जाएगा। इसस सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्लेन को उड़ान भरने कि लिए जो रनवे चाहिए होता है, उसके खर्चे से निजात मिलेगी। वैसे देखा जाए तो टिहरी झील के अलावा गूलरभोज डाम और नैनीझील, दोनों भी इस योजना के प्रतिकूल हैं।
गौर करिए कि सी-प्लेन किसे कहा जाता है। दरअसल सी-प्लेन ऐसे विमानों को कहा जाता है जो कि पानी से उड़ान भऱते हैं और उनके अंदर पानी में ही उतरने की क्षमता होती है। हालांकि कुछ सी-प्लेन तो दोनों तरह के होते हैं। मतलब पानी और ज़मीन से उड़ान भर सकते हैं या दोनों ही जगह लैंड हो सकते हैं। आपको बता दें कि अगर यह योजना उत्तराखंड में ज़मीन या कहें पानी पर उतरती है, तो ‘उड़ान’ योजना के साथ साथ राज्य के पर्यटन को भी खासा बढ़ावा मिलेगा।
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