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कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे रामनगर निवासी रामप्रसाद ध्यानी, अब बेटा कर रहा है देश सेवा

कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे रामनगर निवासी रामप्रसाद ध्यानी, अब बेटा कर रहा है देश सेवा

रामनगर: प्रदेशवासियों में देश सेवा का को जज्बा है, वो देखते ही बनता है। किसी किसी परिवार में तो सेना में जाने के लिए तत्पर है। कारगिल में पिता की शहादत के बाद देश सेवा का जुनून लिए सेना में भर्ती हुए अजय ध्यानी भी प्रदेश का नाम गर्व से ऊंचा कर रहे हैं।

मूल रूप से गांव डांडातौली, पोस्ट तोल्यूडांडा तहसील धुमाकोट पौड़ी गढ़वाल के निवासी 17वीं गढ़वाल राइफल्स में लांसनायक रामप्रसाद ध्यानी पीरुमदारा क्षेत्र हाथीडंगर के रहने वाले थे। रामप्रसाद ध्यानी कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते वक्त 25 जुलाई 1999 को शहीद हुए थे।

शहीद रामप्रसाद ध्यानी अपने पीछे परिवार में पिता सकलानंद, माता सिदोरी देवी, पत्नी जयंती देवी, दो पुत्र अंकित ध्यानी व अजय ध्यानी और एक पुत्री ज्योति ध्यानी को छोड़ गए। पिता व माता अब छोटे बेटे सुबोध के साथ रहते हैं। पत्नी जयंती देवी व बच्चों को पीरूमदारा में पेट्रोल पंप मिला है।

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एक बेटी की शादी करा चुकी जयंती देवी पति की शहादत के बाद टूट जरूरी गई थी लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को भी देश सेवा के जज्बे के साथ पाल पोस कर बड़ा किया। जयंती देवी की इच्छा और हिम्मत के आधार पर ही अब छोटा बेटा पिता का सपना पूरा करने के लिए सेना में भर्ती हो गया है। अजय ध्यानी इस समय अलवर में देश की सेवा कर रहे हैं।

शहीदों के परिवारों का यह हौसला ही देवभूमि के वासियों को हमेशा गर्व महसूस कराता है। बता दें कि दूसरी तरफ शहीद के परिवार जन हाथीडंगर वाली सड़क को शहीद के नाम पर रखने के मांग भी कर रहे हैं। लिहाजा देश सेवा में न्योछावर हो चुके रामप्रसाद ध्यानी और उनके बेटे की यह कहानी वाकई एक मिसाल है।

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