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Haldwani News: कहते हैं ना कि अपने काम से ही आलोचकों को जवाब दिया जा सकता है। किसी क्षेत्र में कोई आगे बढ़ता है तो अधिकतर ऐसे लोग भी मिल जाते हैं जो कामयाबी को कई बार जुगाड़ की नज़र से देखने लगते हैं। अगर कोई खेल से जुड़ा है तो इस तरीके की बातें ज्यादा होती हैं। खिलाड़ी आलोचकों को केवल अपने खेल से ही जवाब देता है।
हल्द्वानी निवासी आर्यन जुयाल (Aryan Juyal cricketer) इन दिनों इंग्लैंड में प्रीमीयर डिविजन क्रिकेट में हिस्सा ले रहे हैं। शानदार लय में चल रहे हैं। आर्यन ने अब तक 9 पारियों में 448 रन बना दिए हैं। इस बीच उनके बल्ले से तीन अर्धशतक और एक शतक भी निकला है। खास बात यह है कि आर्यन का स्ट्राइक रेट भी 92 से ज्यादा है। वही 9 में से 4 पारियों में आर्यन जुयाल नॉटआउट भी रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के लिए खेलने वाले आर्यन जुयाल ( Aryan Juyal) का प्रदर्शन पिछले घरेलू क्रिकेट ( 2022-2023) सीजन में भी शानदार रहा था। विजय हजारे ट्रॉफी में उनके बल्ले से आठ पारियों में 494 रन निकले थे, जिसमें 2 शतक और 2 अर्धशतक भी शामिल है। आर्यन ने मजबूत महाराष्ट्र के खिलाफ 159 रनों की पारी खेली और सभी का ध्यान अपनी और किया था। विजय हजारे में अब तक आर्यन जुयाल कुल 3 शतक जमा चुके हैं। इसके साथ ही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी उनके बल्ले से 2 अर्द्धशतकीय पारी निकली थी। आईपीएल से पहले कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि आर्यन को खेलने का मौका जरुर मिलेगा। ट्रायल के लिए उन्हें कई बड़ी टीमों ने भी बुलाया था लेकिन चोट के चलते मौका हाथ से निकल गया लेकिन उन्होंने निराश होने के बजाय खुद को चोट से रिकवर किया और इंग्लैंड जाकर प्रीमियर डिवीजन क्रिकेट खेलने का फैसला किया।
आर्यन को SOUTHPORT & BIRKDALE CC ने अपने खेमे से जुड़ा और उत्तराखंड के इस युवा क्रिकेटर ने टीम प्रबंधन के फैसले को सही साबित किया। आर्यन ने अपने डेब्यू में ही 85 रनों की पारी खेलकर इंग्लैंड में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। अपने क्लब के लिए आर्यन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। ये पहला मौका नहीं है जब आर्यन के बल्ले से किसी टूर्नामेंट में रन निकले हैं।
आर्यन का कहना है कि वह इंग्लैंड में खेलना पसंद करते हैं। पिछले वर्ष भी उन्होंने इंग्लैंड का दौरा किया था। जब एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में रन बनते हैं तो मनोबल खुद बढ़ता है। एक खिलाड़ी के रूप है पिछले 15 सालों में मैंने यह सीखा है कि पिछली बातों को भूल कर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है। अच्छे वक्त के साथ खिलाड़ी को बुरे वक्त को भी स्वीकारना पड़ता है। खिलाड़ी केवल अच्छे प्रदर्शन से ही खुद से दबाव हटा सकता है।
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