हल्द्वानी: पंकज पांडे: क्रिकेट खेल को जेंटलमेन गेम कहा जाता है। इस खेल के सबसे बड़े खिलाड़ी का नाम है सचिन तेंदुलकर। सचिन ने केवल रन ही नही बनाए बल्कि उन्होंने युवाओं को मैदान व मैदान के बाहर अच्छे चरित्र व आचरण का उदाहरण भी पेश किया। शायद तभी उन्हें क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है जो कभी विवादों के चलते सुर्खियों में कभी नहीं रहे। सचिन ने बस ये साबित किया कि जिस खेल ने उन्हें बनाया है वो उससे कभी बड़े नहीं हो सकते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में ना जाने कितने बार वो अंपायर या किसी ओर की गलती का शिकार हुए लेकिन उन्होंने अपने मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया। शायद इसी लिए आज भी वह क्रिकेट के सबसे बड़े अंग हैं। सचिन का जिक्र आज इसलिए किया क्योंकि इस खिलाड़ी को भारत का भविष्य कहा जाता है उसने खेल से बड़ा बनने की कोशिश की। इस युवा खिलाड़ी का नाम है शुभमन गिल।
मामला रणजी ट्रॉफी मुकाबले का है। पंजाब के ओपनर शुभमन ने दिल्ली के खिलाफ खेले जा रहे मैच में आउट हुए के बाद अंपायर के फैसले का विरोध जताया। वह मैदान पर डटे रहे और अंपायर को उनके फैसले पर अपशब्द भी कहे। शुक्रवार को पंजाब के आईएस बिंद्रा स्टेडियम पर पंजाब और दिल्ली की टीम के बीच रणजी ट्रॉफी का मुकाबला शुरू हुआ। इस मैच में पंजाब के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। पंजाब के लिए ओपनर शुभमन गिल और सनवीर सिंह ने पारी की शुरुआत की। मैच के दौरान अंपायर द्वारा शुभमन को आउट दिए जाने के बाद एक विवाद खड़ा हो गया। फील्ड अंपायर ने पंजाब के ओपनर शुभमन को आउट करार दिया जिसके बाद उनको गुस्सा आ गया। गिल का मानना था कि वो आउट नहीं हैं और इसी वजह से उन्होंने अंपायर के फैसले का विरोध किया उनको अपशब्द कहे और मैदान छोड़ने से मना कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शुभमन ने अंपायर पाठक को अशब्द भी कहे। शुभमन के विरोध जताने के बाद अंपायर पाठक ने अपना फैसला बदलते हुए उन्हें नॉट आउट करार दिया। इस फैसले के बाद दिल्ली की टीम के खिलाड़ी भड़क गए
विवाद की वजह से दस मिनट तक खेल रोकना पड़ा। शुभमन गिल ने सुबोध भाटी की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए थे। अंपायर के साथ उनकी बहस भी हुई। मैदानी अधिकारियों से मशविरे के बाद अंपायर ने फैसला बदला। उस समय गिल 10 रन बनाकर खेल रहे थे, लेकिन वह ज्यादा देर टिक नहीं सके. वह 41 गेंद में 23 रन बनाकर सिमरजीत सिंह की गेंद पर आउट हुए।
गिल की ये हरकत किसी भी रूप से सही नहीं है। जिस खिलाड़ी को खेल ने बड़ा बनाया है वो कभी खेल से बड़ा नहीं हो सकता है। गिल पूरे देश में विख्यात है। उनकी टैलेंट के लोग दिवाने है लेकिन इस हरकत को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में अगर रिव्यू तकनीक का इस्तेमाल किया जाए तो इस तरह के विवादों से दूर रहा जा सकता है।