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अल्मोड़ा में अपने पैतृक गांव पहुंचे महेंद्र सिंह धोनी, पत्नी संग ईष्ट देव को किया नमन

Mahendra Singh Dhoni in Uttarakhand: भारत और न्यूजीलैंड के मुकाबले के बीच पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराखंड दौरे पर सभी की नजर है। धोनी अपने परिवार और दोस्तों के साथ मंगलवार को पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे और फिर नैनीताल व कैंची धामी गए। बुधवार को धोनी अल्मोड़ा जिले में स्थित पैतृक गांव ल्वाली जैंती पहुंचे। वहां की कुछ तस्वीरेे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। धोनी ने ग्रामीणों के साथ फोटो क्लिक कराई और अपने इष्ट देव मंदिर में पूजा की है। महेंद्र सिंह धोनी का परिवार 2003-2004 में अपने गांव पहुंचा थे और उसके बाद वो टीम इंडिया में शामिल हो गए। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को तीन आईसीसी ट्रॉफी दिलाई जो शायद ही कोई कप्तान मौजूदा क्रिकेट में कर पाए।

किक्रेटर महेंद्र सिंह धोनी के पिता पान सिंह ने 42-45 साल पहले अपना पैतृक गांव को छोड़ दिया था। वह रोजगार के लिए रांची चले गए। काम मिलने के वाद वो वहीं रहने लगे। हालांकि अभी धोनी के पिता धार्मिक आयोजनों में गांव में आते हैं। धोनी के चाचा घनपत सिंह भी अब गांव में नहीं रहते हैं। वह भी चार वर्ष पूर्व गांव से पलायन कर हल्द्वानी बस गए हैं।

धोनी का उत्तराखंड दौरा

महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराखंड दौरा निजी है। मंगलवार को साक्षी रावत धोनी के सोशल मीडिया पर दिए अपडेट के बाद लोगों को पता चला कि धोनी उत्तराखंड में है। धोनी मंगलवार को नैनीताल में रुके और बुधवार को अल्मोड़ा पहुंचे हैं। धोनी 20 नवंबर तक उत्तराखंड में हैं। 19 नवंबर को उनकी पत्नी साक्षी धोनी का जन्मदिन है और धोनी इसके चलते दोस्तों और परिवार के साथ छुट्टी पर हैं। पैतृक गांव ल्वाली जैंती में धोनी को देखकर लोग काफी खुश दिखे। शायद वो सोच रहे हों कि गांव से ताल्लुख रखने वाले धोनी ने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है और उनके गांव को पूरी दुनिया में पहचान दी है।

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