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अल्मोड़ा ताकुला के गोकुल सिंह गुसांई ने सेना में सब लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया परिवार का सपना

Gokul Singh Gusain story:- उत्तराखंड राज्य के कई होनहार युवा आज सेना में अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राज्य के एक ऐसे ही होनहार युवा गोकुल सिंह गुसांई भी है। गोकुल सिंह गुसांई भारतीय नौसेना एकेडमी, केरला से पास आउट होकर सेना में सब-लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हो गए हैं। अब वो सेना में अफसर के तौर पर सेवाएं देंगे।

गोकुल सिंह गुसांई मूल रूप से अल्मोड़ा के ताकुला विकासखंड के ग्राम डोटियालगांव के रहने वाले हैं। अपनी 12वीं पूर्ण करने के बाद गोकुल ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की जिसके बाद वे भारतीय नौसेना एकेडमी, केरला से प्रशिक्षण ले रहे थे। लेकिन गोकुल की ये कहानी जितनी सरल नजर आती है, असल में इस कहानी मैं उतना ही संघर्ष भी जुड़ा हुआ है। गोकुल का जन्म 1 सितम्बर 2002 को ताकुला डोटियालगांव में हुआ था। उन्होंने गांव से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी। अपनी आगे की पढ़ाई ज़ारी रखने के लिए गोकुल पीलीभीत अपने रिश्तेदारी में आ गए थे।

साल 2003 में लम्बी बीमारी के चलते गोकुल के पिता इंदर सिंह गुसांई की मृत्यु हो गई थी। पिता की मौत के बाद उनकी मां के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुई, लेकिन अपनी हिम्मत कायम रखते हुए, उन्होंने संघर्ष जारी रखा और बेटे को काबिल बनाया। उनके इस सफर में गोकुल के नाना जी, सेवानिवृत अध्यापक राम सिंह पिलख्वाल व मामा सूबेदार मेजर गोविन्द पिलख्वाल साथ खड़े रहे, और हरसंभव मदद भी की। अपनी इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद साल 2020 में गोकुल का एनडीए में चयन हो गया। बीते माह 25 नवंबर 2023 को भारतीय नौसेना एकेडमी केरला से पास आउट होकर गोकुल ने सब लेफ्टिनेंट बन अपने मां बाप और गांव का नाम रोशन कर दिखाया है।

गोकुल अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता भगवती गुसांई को देते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर संघर्ष के वक्त में उनके नानाजी राम सिंह पिलख्वाल व मामा सूबेदार मेजर गोविन्द पिलख्वाल ने मदद न की होती, तो शायद आज वह कामयाब नहीं हो पाते। गोकुल की सफलता से क्षेत्रवासी भी काफी प्रफ्फुलित हैं। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी गोकुल सिंह गुसांई को शुभकामनाएं दीं व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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