हल्द्वानी: उत्तराखंड रोडवेज की छवि सुधरने का मन बनाती है तो उतने में कोई विवाद सामने आ जाता है। इस बार मामला है रिश्वत दे कर लंबी ड्यूटी लगवाने का। विशेष श्रेणी और संविदा चालक व परिचालक के उपर कथित आरोप लगा है।
हालांकि सबूत मिलने तक कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि पहले भी कई बार घोटाले तो काफी हुए हैं, मगर सबूत ना मिलने से किसी को सजा नहीं मिल सकी। लेकिन इस बार बात कुछ अलग है, इस बार एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें 400 रुपये देकर लखनऊ और कानपुर की ड्यूटी लगाने का जिक्र है।
महाप्रबंधक दीपक जैन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बहरहाल आपको बता दें कि चालक-परिचालक को प्रति किमी के पैसे जाते हैं और साथ ही यह नियम है कि रोज़ाना केवल 280 किमी बस का संचालन ही किया जाएगा। हालांकि विशेष श्रेणी और संविदा के चालक-परिचालकों के लिए यह नियम मान्य नहीं है।
यही कारण है कि नियमित चालक-परिचालक तो लंबी दूरी से बचते हैं मगर विशेष श्रेणी व संविदा वाले चालक-परिचालक फायदा उठाते हैं। फायदा समयपाल भी उठाते हैं, पैसे ले कर जिसके मर्जी उसे लंबी दूरी पर भेज देते हैं। पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं।
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इस बार दून ग्रामीण डिपो के समयपाल पर आरोप लगे हैं। आरोप हैं कि उसने 400 रुपये में लखनऊ व कानपुर और 200 रुपये में दिल्ली की ड्यूटी लगवाई थी। वायरल ऑडियो में सब साफ साफ सुनाई दिया है। इस मामले के सामने आने के बाद उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने आरोपी समयपाल को निलंबित कर उसके विरुद्ध जांच की मांग की है।
इसके अलावा एक और मसला यह भी है कि रोडवेज के दो कर्मचारी यूनियन होने की वजह से, एक यूनियन का समयपाल दूसरे यूनियन के चालक-परिचालक की ड्यूटी नहीं लगवाता, सब अपने अपने यूनियन के लोगों पर ही ध्यान देते हैं।
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बहरहाल मुद्दा इसलिए भी बड़ा हो गया है क्योंकि वायरल ऑडियो में उत्तराखंड रोडवेज इंप्लॉइज यूनियन के एक एक क्षेत्रीय पदाधिकारी का भी नाम है। बता दें ऑडियो से यह साफ है कि समयपाल के भी इसी यूनियन का होने के चलते, इन दोनों में सांठगांठ पहती है।
इस पर इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश महामंत्री रविनंदन कुमार ने कहा कि यह दूसरी यूनियन की साजिश है। उन्होंने कहा अगर किसी ने गलत किया है तो कार्यवाही होनी चाहिए, चाहे अपराधी किसी भी यूनियन का क्यों ना हो।
इसके अलावा गलत एसीपी और वेतनमान को ले कर रोडवेज में रिकवरी भी चल रही है, जिस पर उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन की ओर से अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ज्ञापन दिया गया है। यूनियन ने कहा कि कार्रवाई नहीं रोकी गई तो यूनियन आंदोलन को बाध्य होगी।