देहरादून: किसानों के मन को तराशें तो बीता समय कुछ खास नहीं रहा। मगर उत्तराखंड में आने वाला समय किसानों के लिए राहत जरूर ला सकता है। इस ओर इशारा कर रही है उत्तराखंड सरकार की तैयारी। उद्यान विभाग मधुमक्खी पालन व बागवानी पर फोकस कर 1200 करोड़ की योजनाएं तैयार कर रहा है।
उत्तराखंड में किसानों के लिए अच्छे दिन आने की एक उम्मीद जाग गई है। हालांकि केंद्र के सहयोग की भी राज्य सरकार को खासा जरूरत रहेगी। दरअसल किच्छा में हुए कृषक संवाद कार्यक्रम में उद्यान निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा ने किसानों को खुशखबरी सुनाई है।
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निदेशक ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों पर प्रकाश डाला। दरअसल उद्यान विभाग ने केंद्र को 1200 करोड़ की परियोजना का प्रारूप भेज दिया है। जिससे हार्टिकल्चर बोर्ड के माध्यम से प्रोसेसिंग प्लांट तैयार विपणन की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
लाजमी है कि इसके जरिए उत्तराखंड ताजे फलों के रस का बड़ा केंद्र बनेगा। किसानों को आय के लिए किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। इसके साथ ही कोरोनाकाल में मधुमक्खियों के शहद से तैयार मौन विष ने कई बीमारियों को ठीक किया। इसलिए मधुमक्खी पालन पर भी खासा फोकस रहेगा।
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उद्यान विभाग इसके लिए एक प्लांट इसके ज्योलीकोट में लगाने की योजना पर काम कर रहा है। साथ ही अब बागवानी में लगे किसानों को पौधा चयन के लिए उद्यान विभाग द्वारा पौध उपलब्ध करवाने का इंतजार नहीं करना होगा।
उद्यान निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा के अनुसार मधुमक्खी पालन पर विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम उत्तराखंड में तैयार किया जा रहा है। केंद्र के पास योजना का प्रारुप भेजा गया है। इसके अंतर्गत प्रोसेसिंग प्लाट लगाया जाएगा। बागवानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारने के लिए तैयार किया जाएगा।
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