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RTI में खुलासा, विधायक निधि खर्च करने में नंबर वन हैं संजीव आर्य

देहरादून: राज्य के गठन को 21 साल होने को आए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही सत्ता में रहकर काम किया है। उत्तराखंड में साल 2002 से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यानी विधायक चुने जा रहे हैं। विधायकों के ऊपर अपने क्षेत्र में विकास करने की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए उन्हें विधायक निधि भी मिलती है। लेकिन आंकड़ों को देखकर ऐसा लगता है 2017 से अबतक एक-दो विधायकों को छोड़ दें, तो विधायक निधि का सही इस्तेमाल जनता के लिए किया ही नहीं गया है।

जी हां, काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च संबंधी सूचना मांगी थी। जिसमें ये पता चला है कि 2017 से अबतक उपलब्ध हुई कुल 1256.50 करोड़ रुपए की विधायक निधि में से केवल 963.40 करोड़ (77 फीसदी) रुपए ही खर्च किए गए हैं। जबकि 293.10 करोड़ (23 फीसदी) विधायक निधि खर्च होनी अब भी बाकी है।

संजीव आर्य से आगे हैं बंशीधर भगत

उत्तराखंड के कुल 71 विधायकों में से केवल नौ विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 86 प्रतिशत से ज्यादा विधायक निधि खर्च की है। इनमें से सर्वाधिक धनराशि (90 प्रतिशत) नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने खर्च की है। अब भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए संजीव आर्य ने वर्तमान में कैबिनेट मंत्री और कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत को पीछे छोड़ा है।

बता दें कि बंशीधर भगत ने अपनी विधायक निधि में से कुल 87 प्रतिशत धनराशि खर्च की है। 86 से 90 प्रतिशत तक विधायक निधि खर्च करने वाले विधायकों में इनके अलावा कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चौहान (रानीपुर), धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का व गोपाल सिंह रावत शामिल हैं।

धन सिंह रावत ने खर्च की 60 प्रतिशत विधायक निधि

विधायक निधि में से केवल 60 प्रतिशत खर्च करने वाले विधायकों की सूची ज्यादा बड़ी नहीं है। इसमें केवल एक नाम है। वर्तमान में कैबिनेट मंत्री और श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत वह विधायक हैं, जिनकी 40 प्रतिशत निधि अब भी खर्च होनी शेष है। वहीं, 61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुंडीर शामिल हैं।

बता दें कि 66 से 70 प्रतिशत धनराशि खर्च करने वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चौहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैं। वहीं, 71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी – 69 प्रतिशत

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अबतक अपने विधायकी क्षेत्र खटीमा के लिए विधायक निधि में से 69 प्रतिशत धनराशि खर्च की है। गौरतलब है कि अभी उनके पास इस निधि में से पांच करोड़ 57 लाख रुपए खर्च होने बाकी हैं। कहना होगा कि विधानसभा चुनाव 2022 में हैं और काफी नजदीक हैं। ऐसे में ये आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं।

नाम – क्षेत्र – खर्च (फीसदी) – शेष (रुपए)

धामी – खटीमा – 69 – 5.57 करोड़

बंशीधर भगत – कालाढूंगी – 87 – 2.29 करोड़

यथीश्वरानंद – हरिद्वार ग्रामीण – 81 – 3.33 करोड़

बिशन सिंह चुफाल – डीडीहाट – 81 – 3.31 करोड़

यशपाल आर्य – बाजपुर – 71 – 5.19 करोड़

हरक सिंह रावत – कोटद्वार – 77 – 4.15 करोड़

डॉ. धन सिंह रावत – श्रीनगर – 60 – 7.71 करोड़

गणेश जोशी – मसूरी – 81 – 3.46 करोड़

सुबोध उनियाल – नरेंद्र नगर – 75 – 4.43 करोड़

रेखा आर्य – सोमेश्वर – 78 – 3.91 करोड़

अरविंद पांडे – गदरपुर – 78 – 3.94 करोड़

इसके अलावा बता दें कि एक विधायक ऐसे हैं, जिनकी केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है। सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च करने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं। 76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फर्त्याल, भारत सिंह चौधरी, इंदिरा हृदयेश (अब स्वर्गीय) शामिल हैं।

इसी लिस्ट में अरविन्द पांडेय, आदेश सिंह चौहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवंत सिंह, रितु खंडूरी, सुरेश राठौर, चन्द्रा पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुनाथ चौहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल हैं। 81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी, यतीश्वरानन्द, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद भंडारी, सौरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल हैं।

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