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उत्तराखंड सचिवालय में पकड़ा गया घूसखोर, सिर्फ 75 हजार रुपए में बिक गया अधिकारी का ईमान

देहरादून: अफसर जनता के लिए बनाए जाते हैं। लेकिन कुछ अफसर जनता का ही पेट काटने का काम करते हैं। अब उत्तराखंड सचिवालय के एक अधिकारी को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। समीक्षा अधिकारी को 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। साथ में सिंचाई विभाग के अनुभाग अधिकारी को भी आरोपी बनाया गया है।

दरअसल 25 फरवरी को महेश चंद अग्रवाल ने शिकायत की थी। विजिलेंस एसपी धीरेंद्र कुमार ने जानकारी दी और बताया कि कार्रवाई देहरादून सेक्टर की टीम द्वारा की गई है। महेश चंद अग्रवाल को मानें तो उनके पिता किशन चांद अग्रवाल साल 2008 में सिंचाई विभाग मनेरी भाली परियोजना में जेई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

ड्यूटी के दौरान पिता के स्टोर से कुछ सामान गायब हो गया था। जिसकी भरपाई के लिए विभाग ने साल 2013 में उनकी ग्रेच्युटी से पैसा काट लिया था। जिसके लिए उन्होंने ट्रिब्यूनल में अपील की। ट्रिब्यूनल ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए पैसा रिलीज करने के आदेश भी दे दिए। लेकिन विभाग ने हाईकोर्ट में अपील की। हालांकि कोर्ट ने भी किशन चांद अग्रवाल के पक्ष में फैसला सुनाया।

अब हुआ ये कि आदेश के बाद सचिवालय के सिंचाई अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने 22 फरवरी को महेश चंद अग्रवाल और उनके पिता को फोन कर दफ्तर आने को कहा। जिसके बाद 24 फरवरी को वह दफ्तर चले भी गए। यहां पर पिता और बेटे से रिश्वत मांगी गई। दरअसल यहां पर समीक्षा अधिकारी कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल भी मौजूद था। रिश्वत ग्रेच्युटी को जारी करने और सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर ना करने के लिए मांगी गई।

जिसके बाद महेश चंद अग्रवाल ने विजिलेंस से शिकायत कर डाली। विजिलेंस टीम ने मामले की गोपनीयता से जांच करवाई तो पाया कि बात सच है। पाया कि उन्हें 28 फरवरी को रिश्वत लेने के लिए बुलाया गया है। सोमवार को जब अग्रवाल 75 हजार रुपए लेकर पहुंचे तो अनुभाग अधिकारी अनिल पुरोहित ने समीक्षा अधिकारी को गेट के बाहर रिश्वत लेने भेजा। जहां पर विजिलेंस के टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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