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उत्तराखंड में अप्रैल से टूटेगी आम आदमी की कमर, बिजली-पानी पर दिखेगा महंगाई का असर

देहरादून: एक अप्रैल से प्रदेश भर में आम आदमी को पहले से भी अधिक परेशानी होने वाली है। उत्तराखंड में बिजली और पानी महंगा होने जा रहा है। बता दें कि घरेलू पेयजल उपभोक्ताओं के लिए नौ से 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तय है। इसके अलावा कमर्शियल उपभोक्ताओं को 15 फीसदी से अधिक भुगतान करना होगा। विद्युत नियामक आयोग ने नए रेट को अंतिम रूप दे दिया गया है। गुरुवार को फाइनल रेट जारी किए जाएंगे।

हर साल जल संस्थान की ओर से एक अप्रैल नई दरें लागू की जाती हैं। गौरतलब है कि पानी के बिलों का निर्धारण शहर में हाउस टैक्स जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में नल के आधार पर तय किया जाता है। शहरों में 360 रुपए तक भवन कर पर ग्रेविटी की पेयजल योजनाओं से जुड़े उपभोक्ताओं का 160 रुपए महीना पानी का बिल आता है। ट्यबवेल से जुड़े लोगों का 169 रुपए, पंपिंग योजना से जुड़े लोगों का 181 रुपए प्रति महीना बिल तय है।

इसके अलावा भवन कर 361 रुपये से 2000 रुपए के बीच होगा तो ग्रेविटी योजना में 169.10 रुपए, ट्यूबवेल योजना पर 181.56 रुपए, पंपिंग योजना पर 195.80 रुपए महीने बिल तय है। इसके बाद 2000 से 3500 रुपए होने पर इसी योजना में प्रति महीने 199.36 रुपए, ट्यूबवेल योजना पर 213.05 रुपए, पंपिंग योजना पर 240.30 रुपए बिल तय है। बता दें कि बढ़ोतरी भी इन्हीं रेट पर की जाएगी।

याद रहे कि पानी के बिल में हर महीने 14 रुपए से लेकर 25 रुपए तक की वृद्धि होगी। ऐसे में अगर आपने अभी तक अपना बिल जमा नहीं किया है तो 31 मार्च आखिरी तारीक है। 31 मार्च तक पानी का बिल जमा कराने पर पुराना सभी विलंब शुल्क माफ कर दिया गया था। इसके बाद विलंब शुल्क भी देना होगा। जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि एक अप्रैल से हमेशा ही बिल में बढ़ोतरी होती है। आम लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

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